Chaitra Navratri 2022: मान्यतानुसार नवरात्रि के तीसरे दिन को मां चंद्रघटा को समर्पित किया गया है. इस दिन विधि-विधान से भक्त देवी दुर्गा के रूप चंद्रघटा माता (Chandraghata Mata) की पूजा करते हैं. माना जाता है कि जो भक्त पूरे मन से इस दिन आराधना में लिप्त होते हैं उनमें निर्भयता और विनम्रता के भाव पैदा होते हैं. कहते हैं मां चंद्रघटा यूं तो बेहद सौम्य हैं लेकिन जरूरत पड़ने और बुरों को सबक सिखाने के लिए वे रुद्र रूप भी धारण कर लेती हैं. उनका स्वरूप कुछ इस प्रकार मानते हैं, वे चीते की सवारी करती हैं और उनके माथे पर तीसरी आंख भी है. देवी चंद्रघटा को प्रसन्न करने के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है जिससे वे रुद्र रूप ना धारण करें और कृपा बरसाएं.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस दिन भक्तों को Koo App पर कू पोस्ट करते हुए बधाई दी है.
Koo App”पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता, प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।” परम शांतिदायक व कल्याणकारी एवं माँ भगवती की तृतीय स्वरूपा माँ चंद्रघंटा जी आप सभी के जीवन में बाधाओं से लड़ने की शक्ति एवं सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करें। #MaaChandraghanta- Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) 4 Apr 2022
नवरात्रि का तीसरा दिन | Third Day of Navratri
नवरात्रि (Navratri) के तीसरे दिन चंद्रघटा माता की पूजा करने के लिए चौकी सजाई जाती है. चौकी पर केसर, केवड़ा, गंगाजल और ताजे फूल आदि रखे जाते हैं. वहीं, उन्हें भोग में सफेद चीजें जैसे खीर, दूध, मिश्री और पंचामृत चढ़ाया जाता है.
मां चंद्रघटा का प्रिय रंग भूरा माना जाता है और कहा जाता है कि इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे रंग के कपड़े पहनते हैं. इतना ही नहीं सुनहरे पीले रंग या गोल्डन रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं.
मां चंद्रघटा को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनके मंत्र (Chandraghata Mantra) का जाप भी करते हैं. ये मंत्र कुछ इस प्रकार है-
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)