Buddha Purnima 2022: आज है बुद्ध पूर्णिमा, जानें महत्व और पूजा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

Buddha Purnima 2022: वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. इस महीने पूर्णिमा व्रत 16 मई को रखा जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
Buddha Purnima 2022: बुद्ध पूर्णिमा का खास महत्व है.

Buddha Purnima 2022: पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में खास महत्व है. प्रत्येक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा ( Purnima) तिथि में व्रत और पूजन का के अलग-अलग नियम हैं. माना जाता है कि पूर्णिमा के व्रत (Purnima Vrat) से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहा जाता है. इस महीने पूर्णिमा व्रत 16 मई को रखा जाएगा. पौराणिक मान्याताओं के मुताबिक सुदामा (Sudama) भगवान श्रीकृष्ण (Krishna) से मिलने के लिए द्वारका आए तो भगवान ने उन्हें पूर्णिमा व्रत (Purnima Vrat) का महत्व बताया. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से ही सुदामा की दरिद्रता दूर हो गई. इसलिए इस व्रत का खास महत्व है. इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुध का जन्म हुआ था. इस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. 

बुद्ध पूर्णिमा कब है ( Buddha Purnima 2022)


पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की पूर्णिमा 16 मई, 2022 सोमवार को है. इस पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती भी मानाई जाती है. बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 16 मई को सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक है. उदया तिथि होने के कारण पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा. 


वैशाख पूर्णिमा के दिन किन भगवान की करें पूजा


वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा खास मानी गई है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है. साथ ही सभी प्रकार के पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा इस दिन चंद्र देव के दर्शन का भी विधान है. माना जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से चंद्र देव का आशीर्वाद मिलता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन दान करने का भी खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से  कई गुणा अधिक पुण्य मिलता है. इतना ही नहीं, वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है. पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान किया जाता है. उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा भी विशेष फलदायी मानी जाती है.  

Advertisement

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

क्या आप जानते हैं? धर्म की लड़ाई और मंदिर-मस्जिद विवाद क्यों?

Featured Video Of The Day
Delhi Elections 2025: Karawal Nagar में शराब के ठेके, दंगों की छाया और जनता की बेबाक राय | AAP | BJP
Topics mentioned in this article