Bhadrapad Amavasya 2025 ke upay: हिंदू धर्म में प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली अमावस्या का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है. यह जब भाद्रपद मास में पड़ती है तो भाद्रपद अमावस्या या फिर पिठोरी अमावस्या कहलाती है. धर्म शास्त्र में भाद्रपद अमावस्या को पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध आदि से लेकर तमाम तरह के ज्योतिष और धार्मिक उपायों के लिए भी अत्यधिक फलदायी बताया गया है. आइए जानते हैं कि भाद्रपद अमावस्या के दिन आखिर किन उपायों को करके आप पितरों का आशीर्वाद और अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकते हैं.
नदी और समुद्र तीर्थ पर करें स्नान
भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर या समुद्र आदि में जाकर स्नान करने को अत्यधिक शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस दिन नदी तीर्थ या समुद्र तीर्थ आदि पर जाकर स्नान करने और दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
घर पर कुछ इस विधि से करें स्नान
यदि आप किसी कारण से नदी या समुद्र तीर्थ आदि स्थान पर न जा सकें तो आप अपने घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं और अमृतवाहिनी गंगा जी का ध्यान करते हुए स्नान करें. मन में ऐसा भाव लिए हुए स्नान करने पर आपको गंगा स्नान का पुण्यफल प्राप्त होगा.
भाद्रपद अमावस्या का दान
भाद्रपद अमावस्या के दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार पितरों के नाम से अन्न-धन और वस्त्र निकाल कर दान करना चाहिए. पितरों के निमित्त किया जाना वाला यह दान किसी मंदिर के पुजारी को दान करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. पितरों के निमित्त दान करते समय भूलकर भी अभिमान न करें.
पीपल की पूजा से पूरी होगी मनोकामना
हिंदू धर्म में वृक्षों को देवी-देवताओं के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है. शास्त्रों के अनुसार अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की पूजा करने पर विशेष पुण्य प्राप्त होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ों में मीठा जल अर्पित करना चाहिए तथा सरसों के तेल का दीया जलाना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से त्रिदेव के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
जरूरतमंद को करें दान
भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार भोजन, वस्त्र, दवा, आदि का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इस उपाय को करने से भविष्य में होने वाले तमाम तरह के कष्टों से बचाव होता है.
कैसे करें मंत्र साधना
भाद्रपद अमावस्या का दिन किसी भी प्रकार के मंत्र जप, व्रत और साधना आदि के लिए अत्यंत ही फलदायी माना गया है. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन व्यक्ति को मंत्र सिद्धि के लिए विधि-विधान से पूजा एवं जप-तप करना चाहिए और इस दिन भूलकर भी शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)