Surya Puja: पौष माह में सूर्य की पूजा करने से मिलेगी मानसिक शांति, जानें सूर्य को जल चढ़ाने की विधि, मंत्र और फायदे

Paush Month Puja: पौष के महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता, लेकिन इस दौरान सूर्य की पूजा करना और रोज सुबह सूर्य को जल अर्पित करने का विशेष महत्व होता है.

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सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके खड़े हो जाए.

Paush Month Puja: हिंदू पंचांग के अनुसार साल का दसवां महीना पौष होता है, जो 22 दिसंबर 2024 से शुरू होकर 20 जनवरी 2025 तक रहेगा. पौष के महीने में मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि इस महीने में किए गए मांगलिक कार्यों का कोई पुण्य फल नहीं मिलता है. इस महीने सूर्य देव धनु राशि (dhanu Rashi) में गोचर करते हैं. इसलिए इस महीने को धनुर्मास के नाम से भी जाना जाता है और इस दौरान सूर्य देव (Surya Dev) की पूजा करने का विशेष महत्व होता है. कहते हैं रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाने से जीवन में आ रही सभी बढ़ाएं दूर होती हैं. कुंडली में ग्रह दोष को कम करने में मदद मिलती है. इतना ही नहीं सूर्य को जल चढ़ाने से विटामिन डी (Vitamin D) शरीर को मिलता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं सूर्य को अर्घ्य किस तरह से देना चाहिए और इसके फायदे क्या है.

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पौष के माह में सूर्य की पूजा क्यों है जरूरी
पौष के महीने में सर्दी अपने चरम पर होती है. ठंड की वजह से सूरज बादलों में छुपा रहता है और सूरज की किरणें हम तक नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा होती है. ताकि हम सुबह कुछ देर धूप में खड़े रह सकें. इसका भाव हमें ठंड के दिनों में भीषण सर्दी से बचाना और अच्छी सेहत के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाना, हड्डियों को मजबूत करना, शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाना होता है.

सूर्य को अर्घ्य देने का तरीका
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके खड़े हो जाए. तांबे के लोटे में जल, फूल की पंखुड़ी, चावल, कुमकुम, अबीर, गुलाल मिलाएं. दोनों हाथों से लोटे को पकड़ें, हाथ को ऊंचा उठाकर सूर्य की ओर जल को प्रवाहित करें, ऐसा करते समय ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें. ध्यान रखें कि सूर्य को अर्घ्य देते समय लोटे से गिर रही जल की धारा पैरों पर ना पड़ रही हो, आप नीचे एक गमला रख सकते हैं जिसमें जल की धारा का प्रवाह हो, अपनी आंखों को बंद करके सूर्य देव को नमन करें.

सूर्य को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का करें जो जाप
सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य देव के 12 नाम के मंत्र का जाप करना बेहद लाभकारी माना जाता है. आप ॐ सूर्याय नम:, ॐ मित्राय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगाय नम:, ॐ पूष्णे नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम:, ॐ मारीचाय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सावित्रे नम:, ॐ अर्काय नम:, ॐ भास्कराय नम: का जाप कर सकते हैं.

पौष माह में सूर्य को जल चढ़ाने के लाभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य को शक्ति, तेज और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है, इसलिए रोज सुबह सूर्य की पूजा करने से मनुष्य की शक्ति, तेज और ज्ञान बढ़ता है. साथ ही व्यक्ति में आत्मविश्वास भी बढ़ता है, सूर्य की रोशनी में कुछ समय के लिए खड़े रहने से विटामिन डी शरीर को मिलता है, त्वचा चमकती है और व्यक्तित्व तेजस्वी बनता है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य को मान-सम्मान और ज्ञान का कारक माना जाता है. कहते हैं कि जो रोज सुबह सूर्य की पूजा करके सूर्य देव को जल अर्पित करता है, उनकी कुंडली में ग्रह दोष नहीं होता है और घर परिवार समाज में उनका मान सम्मान बढ़ता है.

सूर्य को जल अर्पित करने से नकारात्मकता खत्म होती है और मन में सकारात्मक का संचार होता है. इतना ही नहीं सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सुबह जल्दी उठने से आलस दूर होता है और दिनभर एनर्जी बनी रहती है.

सूर्य को अर्घ्य देना सेहत के लिए भी फायदेमंद है, सूर्य की रोशनी से हमें विटामिन डी मिलता है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है, त्वचा में चमक आती है और आंखों के लिए भी सूर्य की रोशनी फायदेमंद होती है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य देव की कृपा हम पर बनी रहती हैं और परिवार में आ रही समस्याओं से बचा जा सकता है, इससे घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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