भगवान को भोग लगाते समय कितनी देर बजानी चाहिए घंटी, मान्याता के अनुसार करेंगे तो मिलेगा प्रभु का आशीर्वाद

Bell Importance During Offering : अगर आप भी भगवान को भोग लगाते वक्त घंटी बजाते हैं तो इसके सभी नियम आपको पता होने चाहिए.आज आपको बताते हैं कि घंटी बजाने के नियम क्या है और घंटी कैसे बजाना चाहिए.

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Bell Importance in Temple : घंटी बजाने का नियम.

Bell Niyam In Mandir: हिंदू सनातन धर्म में भगवान की पूजा के दौरान घंटी बजाना शुभ माना जाता है. मंदिर में जाने के बाद लोग भगवान का स्मरण करने से पहले घंटी बजाते  हैं जिसे शुभ और पवित्र माना जाता है. देखा जाए तो घंटी बजाना एक सकारात्मक क्रिया है जिसके लिए हिंदू शास्त्रों में कुछ खास नियम बनाए गए हैं. मंदिर में पूजा के दौरान, आरती करते वक्त, शुभ और मांगलिक कार्यक्रमों के दौरान और भगवान को भोग लगाते वक्त घंटी बजाना शुभ कहा जाता है. लेकिन ऐसा करते वक्त कितनी बार घंटी बजाना चाहिए और कैसे घंटी बजाना चाहिए, ये बहुत से लोग नहीं जानते. चलिए आज आपको बताते हैं कि घंटी बजाने के नियम क्या है और घंटी कैसे बजाना चाहिए.



घंटी बजाना क्यों है शुभ  


कहा जाता है कि घंटा या घंटी बजाने पर ओंकार का उच्चारण पूरा होता है. इस ध्वनि को शास्त्रों में शुभ और चैतन्य माना जाता है. इससे वातावरण में सकारात्मकता फैलती है और भगवान की मूर्ति चैतन्य हो उठती है. इसलिए मंदिर और अन्य शुभ कामकाज में घंटी या घंटा बजाया जाता है. घंटी बजाने के केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है, इसका शरीर पर भी अच्छा असर पड़ता है. विज्ञान में कहा गया है कि घंटी बजाने से पैदा होने वाली ध्वनि  शरीर के सात चक्रों को एक्टिव कर देती है. घंटी की आवाज से दिमाग को भी शांति का अनुभव होता है और माहौल में सकारात्मकता फैलती है.


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भोग लगाते वक्त इतनी बार बजाना चाहिए घंटी 


घर में या मंदिर में जब भगवान को भोग लगाया जाता है तो घंटी बजाई जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान भोग को वायु यानी हवा के जरिए ग्रहण करते हैं. वायु के पांच तत्व कहे गए हैं, व्यान वायु, उड़ान वायु, समान वायु, अपान वायु और प्राण वायु. इस तरह देखा जाए तो भगवान को भोग लगाते वक्त  इन पांचों तत्वों का स्मरण करना जरूरी होता है. इसलिए भगवान  भोग लगाते वक्त पांच बार घंटी बजाना चाहिए.

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मंदिर में कैसे बजाना चाहिए घंटी


कुछ लोग मंदिर में जाते समय और मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी बजाते हैं. ये गलत नियम है. अगर आप मंदिर के अंदर जा रहे हैं तो आपको घंटी बजाना चाहिए लेकिन मंदिर से बाहर निकलते वक्त घंटी नहीं बनानी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आप मंदिर की पॉजिटिविटी को वहीं छोड़कर जा रहे हैं. इसलिए मंदिर में प्रवेश करते वक्त और भगवान के दर्शन करने से पहले घंटी बजाना चाहिए ताकि आपका दिमाग सकारात्मक हो सके और आपके शरीर के चक्र एक्टिव हो सके.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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