Angarki Chaturthi: 5 अप्रैल के दिन यानी आज विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi) मनाई जा रही है जिसे मंगलवार के दिन होने के चलते अंगारकी चतुर्थी भी कहते हैं. अंगारक का अर्थ ही मंगलवार होता है जिस चलते इस चतुर्थी का नाम भी अंगारकी पड़ा, दूसरा मंगल का सीधा संबंध कर्ज से मानते हैं. अंगारकी चतुर्थी पर विधि-विधान से भगवान श्री गणेश (Shri Ganesha) की पूजा की जाती है. माना जाता है कि व्रत व पूजा पाठ करने से भगवान गणेश कर्जमुक्ति में सहायता करते हैं अर्थात कर्ज से मुक्ति दिलाते हैं. वहीं, इसे माता लक्ष्मी के आगमन का संकेत भी माना जाता है, इसलिए इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है.
अंगारकी चतुर्थी पूजा विधि | Angarki Chaturthi Puja Vidhi
यूं तो इस पूरे सप्ताह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) मनाई जाएगी और मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाएगी, लेकिन आज गणेश भगवान को याद करने व उनकी उपासना करने का विशेष महत्व है. ना सिर्फ इससे गणपती बप्पा प्रसन्न होते हैं बल्कि माना जाता है कि मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. मान्यतानुसार अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) पर भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 9 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक माना जा रहा है.
पूजा के लिए सुबह उठकर स्नान पश्चात मंदिर की सफाई कर दीप प्रज्वलित किया जाता है. इसके बाद बप्पा को सिंदूर लगाकर उनपर दूर्वा अर्पित किया जाता है. तत्पश्चात भोग में मोदक व लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाया जाता है. गणेश भगवान की पूजा के बाद गणेश मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है.
गणेश मंत्र (Ganesha Mantra) इस प्रकार है -
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)