Amla navami 2022 Date, Time, Puja Vidhi: पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है. ऐसे में आज अक्षय नवमी या आंवला नवमी मनाई जा रही है. इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यता है कि इस दिन से ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन कराने का विधान है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक आंवले के नीचे ब्रह्मण भोजन कराने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है यह भी है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है. ऐसे में जानते हैं कि अक्षय नवमी या आंवला नवमी पर किस प्रकार पूजा की जाती है.
आंवला नवमी 2022 शुभ मुहूर्त | Amla navami 2022 Shubh Muhurat
दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 01 नवंबर को देर रात 1 बजकर 09 मिनट से आरंभ है. वहीं नवमी तिथि की समाप्ति 2 नवंबर को यानी आज रात 10 बजकर 53 मिनट पर होगी. उदया तिथि के अनुसार अक्षय नवमी आज यानी 2 अक्टूबर को मनाई जा रही है. आज के दिन आंवला नवमी मनाने का भी प्रचलन है.
आंवला नवमी पूजा विधि | Amla navami 2022 Puja vidhi
आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठकर पूजन कर उसकी जड़ में दूध देना शुभ माना गया है. मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है.
इसके बाद अक्षत, पुष्प, चंदन से पूजा-अर्चना कर और पेड़ के चारों ओर कच्चा धागा बांधकर कपूर, बाती या शुद्ध घी की बाती से आरती करते हुए सात बार परिक्रमा करनी चाहिए तथा इसकी कथा सुनना चाहिए.
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भगवान विष्णु का ध्यान एवं पूजन करना चाहिए.
पूजा-अर्चना के बाद बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ खीर, पूड़ी, सब्जी और मिष्ठान आदि का भोग लगाया जाता है.
इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा कर 108 बार परिक्रमा करने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं.
कई धर्म प्रेमी तो आंवला पूजन के बाद वृक्ष की छांव में ब्राह्मण भोज भी कराते है और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करते है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)