हिंदी पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की पाक्षिक यानी चतुर्दशी के एक दिन बाद अमावस्या पड़ती है. हिन्दू धर्म में इस माह की 15वीं तिथि यानी अमावस्या (Amavasya) का बहुत महत्व है. शास्त्रों के अनुसार, अमावस्या के दिन गंगा स्नान के बाद विधि-विधान से पूजा करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि अमावस्या के दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में पौष अमावस्या के दिन स्नान, दान का महत्व है. इस दिन पितरों को भी याद किया जाता है और उनकी तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म किया जाता है. इस दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाते हैं. इसके साथ ही तिल तर्पण करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल में कुल 12 अमावस्या आती हैं. जानिए इस साल (2022) पड़ने वाली अमावस्या तिथियां. यहां देखें पूरी लिस्ट
अमावस्या का महत्व | Importance Of Amavasya
अमावस्या तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होती है. इस दिन भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन किया जाता है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण किया जाता है.
नए साल 2022 की अमावस्या तारीखें | Tithi Amavasya 2022 List
- 02 जनवरी, रविवार- पौष अमावस्या.
- 01 फरवरी, मंगलवार- माघ अमावस्या, मौनी अमावस्या.
- 02 मार्च, बुधवार- फाल्गुन अमावस्या.
- 01 अप्रैल, शुक्रवार- चैत्र अमावस्या.
- 30 अप्रैल, शनिवार- वैशाख अमावस्या.
- 30 मई, सोमवार- ज्येष्ठ अमावस्या.
- 29 जून, बुधवार- आषाढ़ अमावस्या.
- 28 जुलाई, गुरुवार- श्रावण अमावस्या.
- 27 अगस्त, शनिवार- भाद्रपद अमावस्या.
- 25 सितंबर, रविवार- अश्विन अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या.
- 25 अक्टूबर, मंगलवार- कार्तिक अमावस्या.
- 23 नवंबर, बुधवार- मार्गशीर्ष अमावस्या.
- 23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)