Ahoi Ashtami Vrat 2023: आज है अहोई अष्टमी का व्रत, क्या है इससे जुड़ी मान्यता और शुभ मुहूर्त, ये चीजें करने से बचें

Ahoi Ashtami: इस साल अहोई अष्टमी के दिन बहुत ही खास संयोग बनने जा रहा है, जानें 2023 में कब हैं ये व्रत, इससे जुड़ी मान्यता और क्या है इसका सही मुहूर्त.

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Ahoi Ashtami Vrat 2023: आज है अहोई अष्टमी का व्रत, क्या है इससे जुड़ी मान्यता और शुभ मुहूर्त, ये चीजें करने से बचें
Ahoi Ashtami 2023: इस साल बन रहे हैं कई शुभ योग, जानें क्या हैं और कब है अहोई अष्टमी
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  • संतान के लिए रखी जाती है अहोई अष्टमी व्रत.
  • इस साल बन रहें हैं कई खास योग.
  • यहां जानें शुभ मुहूर्त और मान्यता.
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Ahoi Ashtami Vrat: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी या अहोई आठे के नाम से जाना जाता है. ये व्रत सभी माताएं अपने संतान के लिए रखती हैं. इस दिन व्रत करने की विधि बिल्कुल करवा चौथ जैसी होती है लेकिन इस दिन चांद को अर्घ्य ना देकर तारों को अर्घ्य दिया जाता है. महिलाएं पूरे दिन अपने संतान की लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं और रात को अर्घ्य देने के बाद पारण करती हैं. इस साल अहोई अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. आइए जानते हैं इन शुभ योगों के बारे में, साथ ही इस व्रत की सही तिथि और मुहूर्त.

अहोई अष्टमी 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 5 नवंबर 2023, रविवार को है. इस दिन महिलाएं अपनी संतान के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रख सकती है. अगर बात करें शुभ मुहूर्त कि तो अष्टमी तिथि की शुरुआत 4 नवंबर 2023 को रात 12:59 बजे से हो रही हैं. और इस तिथि का समापन 5 नवंबर 2023 को रात 3:18 बजे होगा. ऐसे में आप 5 नवंबर को आराम से इस व्रत को कर सकती हैं.

अहोई अष्टमी शुभ योग

अहोई अष्टमी के दिन व्रती महिलाओं के लिए अर्घ्य देकर व्रत खोलने के लिए तारों को देखने का समय शाम 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. इस साल अहोई अष्टमी के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. सबसे पहले रवि पुष्य योग और दूसरा सर्वार्थ सिद्धि योग. इनमें किसी भी काम को करना बहुत शुभ माना जाता है. बल्कि इसमें व्रत करने से उससे मिलने वाला लाभ बढ़ जाता है.

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पूजन विधि और मान्यताएं

अहोई अष्टमी का हिन्दू ग्रंथों में बहुत महत्तव बताया गया है. इस व्रत को करने से संतान की उम्र लंबी होती है और उसके सफलता के रास्ते खुलते हैं. इस दिन मां पार्वती, महादेव और पूरे शिव परिवार की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत के कथा को सुनते समय अपने हाथों में 7 अलग प्रकार के अनाज रखने चाहिए. भगवान को लगाएं भोग को पूजा करने और अर्घ्य देने के बाद सबसे पहले अपने बच्चे को खिलाएं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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