अभिजीत मुहूर्त में हुआ था भगवान राम का जन्म, इसी मुहूर्त में होगी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा, जानिए क्यों माना जाता है शुभ

Ram janm ki kahani : प्रतिष्ठा का दिन और मुहूर्त बहुत सोच समझ कर तय किया गया है. ये प्राण प्रतिष्ठा उसी मुहूर्त में की जाएगी जिसमें भगवान राम का जन्म हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अभिजीत मुहूर्त में जन्म लिया था.

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Ram Mandir Pran Pratishtha In Abhijeet Muhurt: अपनी जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) में बहुत जल्द राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए जाने वाले हैं. इस प्राण प्रतिष्ठा का दिन और मुहूर्त बहुत सोच समझ कर तय किया गया है. ये प्राण प्रतिष्ठा उसी मुहूर्त में की जाएगी जिसमें भगवान राम का जन्म हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अभिजीत मुहूर्त (Abhijeet Muhurt) में जन्म लिया था. सिर्फ भगवान राम ही नहीं भगवान कृष्ण भी इसी मुहूर्त में अवतरित हुए थे. अब प्रधानमंत्री मोदी भी चंद मिनट के लिए बन रहे इसी मुहूर्त में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. क्या आप जानते हैं क्या है ये मुहूर्त और इसमें जन्म लेने वाले व्यक्ति कैसे होते हैं.

क्या है अभिजीत मुहूर्त?


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर दिन लगभग 30 मुहूर्त होते हैं जिसमें से अभिजीत मुहूर्त 8वें नंबर मेंआता है. और, सबसे शुभ भी यही मुहूर्त माना जाता है. ये मान्यता है कि ये मुहूर्त हर तरह के काम के लिए शुभ होता है. कोई भी शुभ कार्य करना हो तो उससे पहले दिन का तारीख और यहां तक कि नक्षत्रों की गणना भी की जाती है. लेकिन  किसी काम की शुरूआत के लिए ये सारी कवायद न की हों तो उस काम को अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं. अधिकांशतः यही कोशिश होती है कि शुभ और मांगलिक कार्य या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान हो वो इसी मुहूर्त में पूरे कर लिए जाएं.

ऐसे होते हैं अभिजीत मुहूर्त में जन्में लोग


ज्योतिष में ये माना जाता है कि अभिजीत मुहूर्त बहुत कम समय के लिए होता है. ऐसे में इस मुहूर्त में जन्मे बच्चों में भी कुछ खास गुण होते हैं. माना जाता है कि इस मुहूर्त में जन्मे लोग बहुत स्नेही स्वभाव के होते हैं. साथ ही बहुत सरल भी होते हैं और मददगार भी होते हैं. ऐसे बच्चे बड़ी से बड़ी मुश्किलों के आगे हार नहीं मानते और सौम्यता के साथ उनका सामना  करते हैं. अपनी नौकरी या घर चलाने  से जुड़े कामों के अलावा ऐसे बच्चों का रुझान हमेशा अध्यात्म की ओर बना रहता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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