जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: कौन है बरकती की बेटी सुगरा , जो पिता के लिए कर रही हैं चुनाव प्रचार

सुगरा बरकती के लिए ये विधानसभा चुनाव उनके पिता की तरह ही बेहद खास है. सुरगा के पिता फिलहाल जेल में बंद हैं लेकिन वह चाहती है कि इस चुनाव में उनके पिता की जीत हो. यही वजह है कि पिता के नामांकन से पहले सुरगा ने अपने गांव के लोगों से खास अपील की.

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव : जेल में बंद सर्जन बरकती भी लड़ेंगे चुनाव
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जम्मू-कश्मीर में होने वाला आगामी विधानसभा चुनाव कई कारणों से बेहद खास माना जा रहा है.इन्हीं कारणों में से एक है इस चुनाव में बतौर उम्मीदवार मैदान में उतरे अलगाववादी नेता. इस लिस्ट में यूं तो कई नाम लेकिन सबसे खास हैं सर्जन बरकती. इस चुनाव में जेल में बंद अलगाववादी नेता सर्जन बरकती ने भी नामांकन भरा है. वह जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ेंगे. बरकती के लिए उनकी बेटी सुगरा बरकती चुनाव प्रचार कर रही हैं. 

बरकती की बेटी सुगरा बरकती नामांकन करने से पहले अपने गांव रेबन पहुंची. उन्होंने अपने गांव के लोगों को पिता के नामांकन के लिए अपने साथ चलने का आग्रह किया. सुगरा बरकती ने अपने पिता सर्जन बरकती के लिए नामांकन कर दिया है. सर्जन बरकती इस विधानसभी चुनाव में जैनापोरा शोपियां से चुनाव लड़ेंगे. आपको बता दें कि सर्जन बरकती 2016 में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद हुई सुर्खियों में आए थे.सर्जन बरकती पर क्राउडफंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है.

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ही सर्जन बरकती को पिछले साल दोबारा गिरफ्तार किया गया है. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा दोबारा गिरफ्तार किए जाने के बाद बरकती जेल में बंद है. बाद में उनकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.एसआईए ने उन पर क्राउडफंडिंग के माध्यम से 1.50 करोड़ रुपये की राशि उत्पन्न करने और फिर इसके एक हिस्से का उपयोग अलगाववादी-आतंकवादी अभियान को बनाए रखने और धन के एक बड़े हिस्से को व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

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पिता के लिए समर्थन मांगते ही भावुक हुई सुगरा

सुगरा बरकती के लिए ये विधानसभा चुनाव उनके पिता की तरह ही बेहद खास है. सुरगा के पिता फिलहाल जेल में बंद हैं लेकिन वह चाहती है कि इस चुनाव में उनके पिता की जीत हो. यही वजह है कि पिता के नामांकन से पहले सुरगा ने अपने गांव के लोगों से खास अपील की. उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि आप मेरे साथ रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय चलें, ताकि मैं अपने पिता के लिए नामांकन कर सकूं. सुगरा की इस अपील पर गांव के कई लोग भावनात्मक रूप से उनके साथ जुड़ गए. जिन लोगों ने सुरगा के लिए साथ आने की बात कही उनमें खास तौर युवा और महिलाएं शामिल थीं. ये सभी लोग सुरगा की अपील पर उनके पिता की रिहाई की मांग करने लगे. 

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कई अन्य अलगाववादी नेताओं ने भी किया नामांकन

सर्जन बरकती के अलावा इस बार के चुनाव में जेईआई के चार अलगाववादी नेताओं ने भी नामांकन भरा है. जिन नेताओं ने अपना नामांकन भरा है उनमें तलत मजीद, सयार अहमद रेशी, नजीर अहमद भट और उमर हामिद शामिल है. तलत मजीद ने पुलवामा, सयार अहमद रेशी ने कुलगाम,नजीर अहमद भट ने देवसर और उमर हामिद ज़ैनपोरा विधानसभा क्षेत्रों से स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया.

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