Study Tips: सुबह या फिर शाम, पढ़ाई करने का क्या है सबसे सही वक्त? 99% लोग नहीं जानते हैं ये बात

स्टूडेंट्स के मन में ये सवाल से हमेशा से मन में आते हैं कि किस टाइम पर पढ़ाई करें कि अच्छे से और जल्दी याद हो, तो जानिए पढ़ने का सही समय.

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नई दिल्ली:

Study Tips: अक्सर आपने बड़े लोगों से सुना होगा कि सुबह 5 बजे उठकर पढ़ना चाहिए. इससे जल्दी याद होता है.लेकिन क्या बात वाकई में सही है, क्या सच में सुबह उठकर पढ़ना चाहिए. लेकिन असल में सुबह उठना बहुत मुश्किल होता है, आसल के कारण अक्सर स्टूडेंटस सुबह नहीं उठ पाते हैं. लेकिन ये बात भी स्टूडेंट्स जानना चाहते हैं  कि सही समय क्या है. कोई कहता है सुबह तो कोई कहता है शाम तो आखिर सही समय है क्या है? दरअसल, जवाब देना मुश्किल है. यह पूरी तरह से आपकी बॉडि क्लॉक (सर्केडियन रिदम) और पर्सनल आदत पर निर्भर करता है.

वैज्ञानिक और प्रैक्टिकल आधार पर दोनों समय के अपने फायदे हैं. सुबह का समय एकाग्रता और नई जानकारी के लिए (Early Morning) फायदेमंद है. कई रिसर्च और एक्सपर्ट का मानना है कि सुबह जल्दी उठकर (तड़के 4 बजे से 7 बजे तक) पढ़ना ज्यादा इफेक्टिव होता है.

सुबह पढ़ने के फायदे

पूरी रात की नींद के बाद, सुबह आपका दिमाग पूरी तरह से तरोताजा और तनाव मुक्त होता है. यह नई और जटिल जानकारी (Complex Information) को सीखने के लिए सबसे बेहतर समय है. सुबह का वातावरण आम तौर पर शांत होता है. फोन कॉल, सोशल मीडिया या अन्य घरेलू गतिविधियां कम होती हैं, जिससे आप बिना किसी रुकावट के गहरी एकाग्रता (Deep Focus) के साथ पढ़ पाते हैं.

ऐसा माना जाता है कि सुबह के समय पढ़ी हुई चीजें दिमाग में लंबे समय तक बनी रहती हैं. सुबह पढ़ाई पूरी करने से आपको दिनभर संतोष और कॉन्फिडेंस महसूस होगा. गणित, विज्ञान, नए सिद्धांत, या कोई भी कठिन विषय जिसके लिए सुबह आप एकाग्रता के साथ पढ़ सकते हैं.

शाम/रात का समय पढ़ने के फायदे (Evening/Night)

कई छात्र शाम या देर रात को पढ़ना पसंद करते हैं, खासकर वे जो रात में अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं.
देर रात के घंटों में भी आसपास का माहौल शांत होता है, जो कुछ स्टूडेंट्स के लिए दिन के मुकाबले रात को पढ़ना ज्बेयादा अच्छा लगता है. 

कुछ स्टडी के अनुसार, सोने से ठीक पहले पढ़ाई करने से जानकारी को ब्रेन में व्यवस्थित करने और लॉन्ग टर्म (Long-term Memory) में बदलने में मदद मिलती है. कुछ छात्रों में रात के समय रचनात्मक और आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking) क्षमता ज्यादा एक्टिव हो जाती है. समस्या-समाधान (Problem-Solving) में मदद करती है. ऐसे में किसी भी समय को सही या गलत कहना सही नहीं हो सकता है क्योंकि हर स्टूडेंट्स की अपनी क्षमता होती है और उसी के हिसाब आप काम कर सकते हैं.

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