भारत की मिट्टी: 8 रंग, 8 कहानियां... समझो अपने देश का 'मिट्टी वाला' भूगोल!

भारत कोई एक-दो तरह की मिट्टी से नहीं, बल्कि पूरे 8 अलग-अलग तरह की मिट्टियों से बना है. ये मिट्टियां ही तय करती हैं कि कहां धान उगेगा, कहां कपास और कहां चाय की पत्ती....

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काली मिट्टी यानी रेगुर या कपास वाली मिट्टी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में मिलती है.

Types of Soil in India: भारत का भूगोल सिर्फ नदियों, पहाड़ों और राज्यों तक सीमित नहीं, बल्कि मिट्टी की बनावट और उसकी उर्वरता से भी जुड़ा है. कहीं काली मिट्टी कपास, कहीं लाल मिट्टी दलहन और तिलहन, तो कहीं रेतीली और दोमट मिट्टी धान और गन्ने की भरपूर पैदावार कराती है. यही वजह है कि भारत कृषि प्रधान देश है और यहां की ज्यादातर आबादी खेती का ही काम करती है. मिट्टी को समझना मतलब भारत के भूगोल को सही तरह जानना है. तो आइए जानते हैं भारत की 8 प्रमुख मिट्टियां कौन-कौ सी हैं और उनकी खासियतें क्या हैं…

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1. जलोढ़ मिट्टी - Alluvial Soil

यह मिट्टी नदियों के किनारे पाई जाती है. यह बहुत उपजाऊ होती है और इसमें गेहूं, चावल और गन्ना जैसी फसलें अच्छी तरह उगती हैं. यही वजह है कि गंगा के मैदान को भारत का अनाज घर कहा जाता है.

2. काली मिट्टी - Black Soil

काली मिट्टी यानी रेगुर या कपास वाली मिट्टी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में मिलती है. इस मिट्टी में नमी रोकने की ताकत होती है और कपास की खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है.

3. लाल और पीली मिट्टी - Red and Yellow Soil

यह मिट्टी सूखी चट्टानों से बनी होती है. इसमें लोहा और चूना ज्यादा पाया जाता है. यह बाजरे और कपास की खेती के लिए अच्छी होती है. राजस्थान, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों में यह मिट्टी ज्यादा मिलती है.

4. जंगली मिट्टी -Forest Soil

जंगली मिट्टी उन जगहों पर मिलती है, जहां बहुत ज्यादा बारिश होती है और चारों तरफ जंगल फैले होते हैं. इस मिट्टी में चाय, कॉफी और मसाले जैसी फसलें उगाई जाती हैं.

5. मरु मिट्टी - Arid Soil

मरु मिट्टी रेगिस्तान की मिट्टी होती है. यह बहुत सूखी होती है और इसमें पानी कम रहता है. राजस्थान और गुजरात में यह मिट्टी ज्यादा मिलती है. इसमें बाजरा और ज्वार जैसी फसलें उगाई जाती हैं, जो कम पानी में भी हो सकती हैं.

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6. लैटेराइट मिट्टी - Laterite Soil

यह मिट्टी लाल रंग की होती है और इसमें लोहा और एल्युमिनियम ज्यादा होता है. यह दक्षिण भारत जैसे केरल और कर्नाटक में पाई जाती है. इसमें कॉफी, रबर और चाय जैसी फसलें उगाई जाती हैं.

7. नमकीन मिट्टी - Saline Soil

इस मिट्टी में नमक की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए यह खेती के लिए सही नहीं मानी जाती, लेकिन अगर इसमें थोड़ा सुधार कर लिया जाए तो खेती की जा सकती है. इसे कल्लर मिट्टी भी कहा जाता है, जिसमें नाइट्रोजन कम होता है.

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8. पीट मिट्टी -Peaty Soil

पीट मिट्टी दलदली इलाकों में मिलती है. इसमें ह्यूमस यानी सड़ी-गली पत्तियों और पौधों के अवशेष ज्यादा होते हैं. इसमें फास्फोरस और पोटाश कम होते हैं. यह मिट्टी उत्तराखंड, केरल और पश्चिम बंगाल में मिलती है.

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