साइकिल पर रॉकेट, बैलगाड़ी पर सैटेलाइट! National Space Day पर पढ़ें ISRO की कामयाबी के 10 अनसुने किस्से

आज चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता का दिन है. जानिए उस ISRO की कहानी, जिसने कभी साइकिल पर रॉकेट ढोया और आज चांद-मंगल पर भारत का तिरंगा फहराया है

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इसरो ने 2017 में एक ही रॉकेट (PSLV-C37) से 104 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था.

National space day 2025 : आज, 23 अगस्त को पूरा भारत दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहा है. यह ऐतिहासिक दिन हमें 2023 में भारत के चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की याद दिलाता है. अंतरिक्ष के क्षेत्र में इस शानदार उपलब्धि का जश्न मनाने और युवाओं को स्पेस साइंस के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" के रूप में घोषित किया था. ऐसे में इस खास मौके पर, आइए हम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) से जुड़ी 10 दिलचस्प बातों को जानते हैं.

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ISRO से जुड़ी 10 रोचक बातें

  1. इसरो की शुरुआत बेहद साधारण तरीके से हुई थी. आपको बता दें कि भारत के पहले रॉकेट के कुछ हिस्सों को लॉन्चिंग पैड तक ले जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल किया गया था.
  2. वहीं, 1981 में भारत के पहले Communication satellite 'एप्पल' को लॉन्चिंग साइट तक ले जाने के लिए बैलगाड़ी का सहारा लेना पड़ा था.
  3. इसके अलावा भारत अपने मंगलयान मिशन के साथ पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश है. यह उपलब्धि अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों को भी पहले प्रयास में नहीं मिली थी.  इसकी लागत लगभग 74 मिलियन डॉलर थी, जो हॉलीवुड फिल्मों के बजट से भी कम है.
  4. सबसे इंट्रेस्टिंग बात आपको बता दें कि इसरो का मंगलयान मिशन दुनिया के सबसे सस्ते सफल मंगल मिशनों में से एक था. 
  5.  इसरो के चंद्रयान-1 मिशन ने चांद पर पानी मौजूद है, यह ऐतिहासिक खोज की थी.
  6. इसरो ने 2017 में एक ही रॉकेट (PSLV-C37) से 104 सैटेलाइट्स को सफलतापूर्वक लॉन्च कर रिकॉर्ड बनाया था.
  7. अमेरिका के जीपीएस की तरह, भारत का अपना खुद का नेविगेशन सिस्टम है, जिसे 'नाविक' (NavIC) के नाम से जाना जाता है. इसे इसरो ने ही डेवलप किया है.
  8. इसरो की स्थापना महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त, 1969 को की थी. उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है.
  9. इसरो का बजट अक्सर नासा जैसी अन्य प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में काफी कम होता है. इसके बावजूद, इसरो ने लगातार असाधारण सफलताएं हासिल की हैं.
  10. पाकिस्तान की अंतरिक्ष एजेंसी 'सुपारको' की स्थापना इसरो से पहले 1961 में हुई थी. फिर भी, आज इसरो दुनिया की टॉप अंतरिक्ष एजेंसियों में से एक है, जबकि सुपारको बहुत पीछे है.
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