MBBS Fees: भारत में प्राइवेट से मेडिकल की पढ़ाई करना काफी मंहगा होता है, ये हम सब जानते हैं. लेकिन एडमिशन लेने और फीस देने के बाद अगर बाद पहले साल में ही 60 प्रतिशत स्टूडेंट्स फेल हो जाए तो ये हैरान करने वाली बात है.दरअसल ये मामला त्रिपुरा के नए शांतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज का है जहां पर पहले ही साल में बैच के 60 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट्स एमबीबीएस परीक्षा में फेल हो गए हैं. इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना सरकार की ओर से चलाई जा रही आईजीएम अस्पताल को मुफ्त लीज पर लेकर की गई थी.
1 करोड़ है फीस
इस मेडिकल कॉलेज में MBBS कोर्स की फीस लगभग 1 करोड़ रुपये है. इतनी मंहगी फीस होने के बाद भी अगर बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दी जा रही है और भारी मात्रा में बच्चे फेल हो रहे हैं तो ये हैरान करने वाली बात है. एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, आंकड़ें बताते हैं कि शांतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिए गए 150 छात्रों में से 147 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे. कुल 90 छात्र परीक्षा में असफल रहे और 50 से ज्यादा स्टूडेंट्स फेल हो गए.
सरकारी कॉलेजों का रिजल्ट रहा शानदार
वहीं त्रिपुरा का सरकारी मेडिकल कॉलेजों जैसे अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का रिजल्ट अच्छा रहा. यहां पर 146 छात्रों में से 121 छात्रों ने पहले साल के फर्स्ट सेम की परीक्षा पास की, जबकि केवल 25 छात्र असफल हुए, केवल एक ही विषय में. तीनों मेडिकल कॉलेजों को देखा जाए तो 400 पात्र छात्रों में से 387 ने पहले साल में MBBS की परीक्षा दी औऱ 228 छात्र ही पास हो पाए. 159 स्टूडेंट्स को सप्लीमेंट्री परीक्षा दोबारा देनी होगी.
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