भारत में बेरोजगारी बहुत अधिक है और इस बात में कोई संदेह नहीं है. देश के युवा बेरोजगार हैं और इसका मुख्य कारण यह है कि देश में रोजगार के बहुत अधिक अवसर उपलब्ध नहीं हैं. आज के इस आधुनिक दौर में जहां कुछ लोग नौकरी के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं और अपने भविष्य को दाव पर लगाए बैठे हैं वहीं सोशल मीडिया (YouTube) क्रिएटर्स के कुछ विचलित करने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिन्हे सुनकर आप हैरान हो सकते हैं. यूट्यूब और Google के SVP के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नील मोहन ने यह खुलासा किया है कि देश के यूट्यूब क्रिएटर्स सिर्फ देश की GDP ही नहीं बल्कि देश में लाखों रोजगार भी पैदा कर रहे हैं.
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आकंड़ो के अनुसार लोकल यूट्यूब क्रिएटर्स देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं, जो कि बहुत बड़ी बात है. साथ ही प्रत्येक वर्ष लगभग 7 लाख रोजगार भी पैदा कर रहे हैं, जिससे देश में बेरोजगारी के आंकड़े को कम करने में इसे महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा सकती है.
नील मोहन ने आगे बताय कि, "यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार और YouTube पर है कि मंच का उपयोग गलत सूचना फैलाने के लिए न किया जाए. मोहन ने कहा, "यूट्यूब एक ऐसी जगह है जहां लोग नीतिगत परिणामों के संदर्भ में राय और दृष्टिकोण साझा करने के लिए आते हैं, गलत सूचना और हिंसा को रोकने के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है."
उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि YouTube विविध और उपेक्षित समुदायों को सक्षम बनाता है. "हमारे पास वैश्विक सामुदायिक दिशानिर्देशों का एक सेट है जो यह स्पष्ट करता है कि मंच पर गलत सूचना और नफरत फ़ैलाने की अनुमति नहीं है.