सीबीएसई बोर्ड ने काउंसलिंग हब और स्पोक स्कूल मॉडल किया लॉन्च, जानिए डिटेल

बोर्ड ने काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल लॉन्च किया है, जिसका मकसद छात्रों को मेंटल हेल्थ, करियर गाइडेंस और स्ट्रेस मैनेजमेंट जैसी समस्याओं से राहत दिलाना है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत स्कूलों को दो हिस्सों में बांटा जाएगा, हब स्कूल और स्पोक स्कूल.

CBSE Career Guidance Initiative: आज के दौर में बच्चों पर पढ़ाई का दबाव पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है. एग्जाम का स्ट्रेस, करियर का कन्फ्यूजन, सोशल मीडिया का असर और पर्सनल लाइफ की चुनौतियों के बीच स्टूडेंट्स का मेंटल हेल्थ प्रभावित होता है. कई बार बच्चे अपनी समस्याएं पैरेंट्स या टीचर्स से शेयर करने में हिचकिचाते हैं और धीरे-धीरे डिप्रेशन, एंग्जाइटी या मोटिवेशन की कमी जैसी मुश्किलों का शिकार हो जाते हैं. इसी गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए CBSE बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है. बोर्ड ने देशभर के बच्चों को मेंटल हेल्थ, करियर गाइडेंस और स्ट्रेस मैनेजमेंट जैसी सुविधाएं देने के लिए 'काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल' लॉन्च किया है. इस मॉडल की मदद से हर बच्चे तक सही समय पर काउंसलिंग और गाइडेंस पहुंच सकेगी. जानिए इससे जुड़ी डिटेल्स...

AICTE PG छात्रों को दे रहा स्कॉलरशिप, ऐसे करें अप्लाई

हब और स्पोक स्कूल मॉडल क्या है 

हब-एंड-स्पोक मॉडल के तहत स्कूलों को दो हिस्सों में बांटा जाएगा, हब स्कूल और स्पोक स्कूल. हब स्कूल ऐसे बड़े संस्थान होंगे, जहां काउंसलिंग और गाइडेंस की सभी मुख्य सुविधाएं मौजूद होंगी. वहीं, स्पोक स्कूल अपेक्षाकृत छोटे स्कूल होंगे, जो हब स्कूल से जुड़े रहेंगे और वहीं से काउंसलिंग सपोर्ट प्राप्त करेंगे. आसान शब्दों में कहें तो एक बड़ा स्कूल (हब) बाकी छोटे स्कूलों (स्पोक) को जोड़कर सभी बच्चों तक काउंसलिंग और गाइडेंस की सुविधा पहुंचाएगा.

क्यों जरूरी था यह कदम

आजकल स्टूडेंट्स को सिर्फ पढ़ाई का ही दबाव नहीं होता, बल्कि करियर, कॉम्पटेटिव एग्जाम्स, सोशल मीडिया और पर्सनल लाइफ से भी तनाव झेलना पड़ता है. एग्जाम स्ट्रेस, करियर कन्फ्यूजन, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी सभी परेशानियों को हल करने के लिए यह मॉडल काफी हेल्पफुल हो सकता है.

स्टूडेंट्स को कैसे मिलेगा फायदा

  • फ्री काउंसलिंग सेशन में बच्चे अपनी प्रॉब्लम्स खुलकर शेयर कर सकेंगे.
  • करियर गाइडेंस से सही दिशा में करियर चुनने में मदद मिलेगी.
  • टीचर्स-पैरेंट्स को भी सपोर्ट मिलेगा, ताकि वे बच्चों को बेहतर तरीके से समझ सकें.
  • इमोशनल हेल्थ पर फोकस रहेगा, जिससे पढ़ाई के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का भी ख्याल.

आगे का प्लान क्या है

CBSE का प्लान है कि इस मॉडल को धीरे-धीरे देशभर के स्कूलों में लागू किया जाए, ताकि छोटे कस्बों और गांवों तक भी काउंसलिंग की सुविधा पहुंचे. अगर आप CBSE से जुड़े किसी स्कूल के स्टूडेंट या पैरेंट हैं, तो जल्द ही यह सुविधा आपके पास भी उपलब्ध होगी. इस मॉडल से बच्चों को सिर्फ अच्छे नंबर ही नहीं, बल्कि मेंटल स्ट्रॉन्ग बनने में भी मदद मिलेगी.

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Prashant Kishor के 160 सीट जीतने के दावे में कितना दम? | Syed Suhail