अग्निवीरों को कितनी मिलती है सैलरी? चार साल बाद नहीं मिलती ये तमाम सुविधाएं

अग्निपथ योजना के तहत चुने गए अग्निवीरों को पहले साल 30 हजार रुपये महीने सैलरी मिलती है, जो हर साल बढ़ती है. चार साल की सेवा के बाद टैक्स-फ्री सेवानिधि मिलती है और 25% को सेना में नियमित नौकरी का मौका मिलता है.

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Indian Army Agniveer Salary : डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस और ट्रैवल अलाउंस जैसे पारंपरिक भत्ते भी नहीं मिलते.

Agnipath Scheme 2025: अग्निपथ योजना के तहत चुने गए अग्निवीरों की सैलरी और चार साल बाद मिलने वाले पैकेज को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. कई लोग जानना चाहते हैं कि इसमें अग्निवीरों को कितनी सैलरी (Salary of Agniveer) मिलती है और चार साल की नौकरी के बाद उन्हें क्या मिलेगा. कई लोग ये भी जानना चाहते हैं कि इस योजना में क्या कमी रह जाती है. चलिए, इसकी पूरी कहानी आसान शब्दों में समझते हैं.

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सैलरी और कॉर्पस फंड - Salary and Corpus fund

इस योजना में अग्निवीरों को पहले साल हर महीने 30 हजार रुपये सैलरी मिलती है, जिसमें से 21 हजार रुपये उनके हाथ में आते हैं. बाकी 30% हिस्सा यानी 9 हजार रुपये एक खास कॉर्पस फंड में चला जाता है, जिसमें सरकार भी इतना ही पैसा जोड़ती है. दूसरे साल सैलरी बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36,500 और चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाती है. इन-हैंड सैलरी भी हर साल बढ़ती है, जो चौथे साल में 28 हजार रुपये महीना हो जाती है. 

अग्निवीरों को मिलने वाली सुविधाएं और भत्ते - Facilities and Allowances Provided to Agniveers

इसके साथ ही रिस्क और हार्डशिप, ड्रेस और ट्रैवल जैसे भत्ते भी मिलते हैं. सेवा के दौरान 30 दिन की सालाना छुट्टी, बीमारी में मेडिकल लीव, सेना के अस्पतालों में इलाज और कैंटीन की सुविधा भी दी जाती है. साथ ही, 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर और मृत्यु या अक्षमता की स्थिति में 44 लाख से 1 करोड़ रुपये तक का मुआवजा भी मिलता है.

चार साल की सेवा पूरी होने पर अग्निवीरों को टैक्स-फ्री सेवानिधि मिलती है. यह राशि उनके और सरकार के योगदान के साथ ब्याज मिलाकर 11.71 लाख रुपये तक होती है. चार साल में उनकी इन-हैंड सैलरी करीब 11.72 लाख रुपये होती है, जिसमें भत्ते अलग से जुड़ते हैं. 

IGNOU से डिग्री और सेना में नियमित नौकरी का मौका

इसके अलावा, एक स्किल सर्टिफिकेट और IGNOU से तीन साल का डिग्री प्रोग्राम पूरा करने का मौका मिलता है, जो आगे नौकरी पाने में मदद करता है. 25% अग्निवीरों को सेना में नियमित नौकरी का मौका भी मिलता है, लेकिन उनके पहले चार साल पेंशन की गणना में नहीं जुड़ते. सेवा खत्म होने के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, असम राइफल्स, कोस्ट गार्ड और कुछ सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण मिलता है. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर जैसे कुछ राज्य पुलिस और अन्य नौकरियों में अतिरिक्त आरक्षण भी देते हैं.

क्या है इस योजना की सीमाएं -limitations of this scheme

लेकिन इस योजना की कुछ सीमाएं भी हैं. चार साल की सेवा के बाद अग्निवीरों को पेंशन या ग्रेच्युटी नहीं मिलती, सिवाय उन 25% के जो नियमित कैडर में शामिल होते हैं. डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस और ट्रैवल अलाउंस जैसे पारंपरिक भत्ते भी नहीं मिलते. साथ ही, Ex-Servicemen Contributory Health Scheme यानी ECHS और Ex-Servicemen स्टेटस जैसी सुविधाएं भी नहीं दी जातीं. यही वजह है कि कई लोग इस योजना को सेना में सेवा का अच्छा मौका तो मानते हैं, लेकिन लंबे समय की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को लेकर सवाल उठाते हैं.

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कुल मिलाकर, अग्निपथ योजना युवाओं को सेना में अनुशासित जीवन जीने, अच्छी सैलरी और टैक्स-फ्री सेवानिधि के साथ भविष्य में नौकरी के अवसर देती है. लेकिन पेंशन और कुछ पारंपरिक सुविधाओं की कमी इसे विवादों का हिस्सा बनाती है. अगर आप इस योजना में शामिल होने की सोच रहे हैं, तो इसके नियम अच्छे से समझ लें.

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