जेलों में सुधारों के लिए काम करने वाला एक संगठन जेल संबंधी विषयों पर शोध करेगा. फिलहाल यह शोध कोरोना वायरस महामारी के दौरान बंदियों की संचार की जररूतों और उसके असर पर केंद्रित रहेगा. ‘तिनका तिनका फाउंडेशन' ने जेल संबंधी विषयों पर शोध के लिए एक विशिष्ट ‘रिसर्च सेल' की स्थापना की मंगलवार को घोषणा की.
फाउंडेशन ने एक बयान में कहा, “'तिनका प्रिजन रिसर्च सेल' का मकसद बंदियों, जेल स्टाफ और शोधार्थियों को जेल से जुड़े शोध के लिए प्रोत्साहित करना, जेलों में संवाद की जरूरतों को पूरा करने में मदद करना, जेलों की उत्कृष्ट पद्धतियों को चिह्नित करना, जेल के साहित्य को सहेजना, जेल से जुड़े शोध कार्यों को प्रकाशित करवाना और जेल के पुस्तकालय को समृद्ध करना है.”
बयान में फाउंडेशन की संस्थापक डॉ वर्तिका नंदा ने कहा कि पहले शोध के लिए हरियाणा की पानीपत जिला जेल से दो पुरुष बंदी और जिला जेल करनाल से दो महिला कैदियों का चयन किया गया है. चारों बंदी रेडियो ज़ॉकी का प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं और अभी जेल रेडियो से जुड़े हुए हैं.
बयान के मुताबिक, “वेबिनार के जरिए हुए एक विशेष कार्यक्रम में आज तिनका प्रिजन रिसर्च सेल का उद्घाटन करते हुए हरियाणा के जेल महानिदेशक के. सेल्वराज ने कहा कि विदेशों में जेलों पर शोध की कुछ परंपरा रही है, भारत में जेलों में इस तरह का प्रयास प्रशासनिक गुणवत्ता और बंदियों के कल्याणार्थ महत्वपूर्ण सिद्ध होगा.”