'हम कैसे मनाएंगे छठ', यमुना में झाग पर पूर्वांचलियों का सवाल; सरकार की क्या है तैयारी?

यमुना को प्रदूषित करने की दिशा में दिल्लीवासियों का 70 फीसद योगदान रहता है और सबसे बड़ी बात जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे, तो उन्होंने दो टूक कहा था कि मैं यमुना नदी को इतना साफ कर दूंगा कि इसमें खुद डुबकी लगाकर दिखाऊंगा. लेकिन, ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिख रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

छठ का त्योहार नजदीक है. दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के लोग रहते हैं, जो इस त्योहार को बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हैं. लोगों में अभी से ही इस त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. लेकिन, अगर इन लोगों की नजर यमुना के मौजूदा सूरतेहाल पर गई, तो निसंदेह इनका उत्साहित मन निरुत्साहित हो सकता है, क्योंकि यमुना नदी पूरी तरह केमिकल के झाग में तब्दील हो चुकी है. यमुना का सफेद झाग दूर-दूर तक दिखाई दे रहा है, जिसे देखते ही दिल्ली सरकार के उन दावों पर सवाल खड़े होते हैं, जो यह कहते नहीं थक रही थी कि यमुना को साफ करने की दिशा में हमने कई कदम उठाए हैं.

स्‍थानीय नागर‍िक हितैश कौशिक ने यमुना के प्रदूषित होने पर कहा, “यमुना को प्रदूषित करने की दिशा में दिल्लीवासियों का 70 फीसद योगदान रहता है और सबसे बड़ी बात जब अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए थे, तो उन्होंने दो टूक कहा था कि मैं यमुना नदी को इतना साफ कर दूंगा कि इसमें खुद डुबकी लगाकर दिखाऊंगा. लेकिन, ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिख रहा है. छठ आने वाला है. ऐसे में सवाल यही है कि लोग इस पर्व को कैसे मनाएंगे.”

एक अन्‍य नागर‍िक खविंदर सिंह कैप्टन ने कहा, “दिल्ली में 31 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जिसमें से 27 काम नहीं कर रहे हैं और जिन कंपनियों को इसका ठेका दिया गया है, उसमें व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है. केजरीवाल सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. यमुना की सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. केजरीवाल कहते हैं कि मैं यमुना की सफाई करूंगा. मैं खुद डुबकी लगाकर दिखाऊंगा. लेकिन, ये लोग कुछ नहीं कर रहे हैं. यहां तक की तीन महीने वाली मुख्यमंत्री भी इस दिशा में कुछ भी करती हुई नजर नहीं आ रही हैं. ये लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं. इन लोगों को दिल्ली की जनता से कोई मतलब नहीं है. इन लोगों ने दिल्ली का बेड़ा गर्क कर दिया है.”

मयंक गिरधर ने कहा, “मुझे लगता है कि यमुना को प्रदूषित करने के ल‍िए हम लोग भी जिम्मेदार हैं. यह प्रदूषण फैक्ट्री से आ रहा है. फैक्ट्री में जिन चीजों का निर्माण हो रहा है, हम उन चीजों की डिमांड कम कर दें, तो प्रदूषण खुद ब खुद खत्म हो जाएगा. कहा जा रहा है कि 67,00 करोड़ रुपये यमुना की सफाई में खर्च हो चुके हैं, लेक‍िन मुझे नहीं लगता है कि इतनी बड़ी राशि खर्च हुई होगी. सरकार को सबसे पहले फैक्ट्री को बंद कराना चाहिए.”

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Blast News: दिल्ली में धमाके की जगह पहुंची NSG | Bharat Ki Baat Batata Hoon | Syed Suhail