गुरुग्राम में बाइकर की खौफनाक मौत: जरा हटके-जरा बचके ये दिल्ली-नोएडा है, सड़क पर राइट हैं तब भी चली जाती है जान

सड़क हादसों को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं वो बेहद डराने वाले हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में हर साल औसतन 1200 लोगों अपनी जान गंवाते हैं, जबकि गुरुग्राम में हर साल औसतन 400 लोगों की सड़क हादसे में ही मौत होती है.

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दिल्ली एनसीआर में सड़क हादसों के आंकड़े डराने वाले हैं (फोटो एआई की है)
नई दिल्ली:

घटना गुरुवार रात गुरुग्राम की है. हम बात उसी घटना की कर रहे हैं जिसका वीडियो अब जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में भले ही आपको बाइक सवार तेज गति में दिख रहा हो लेकिन गलती रॉन्ग साइड से आ रहे कार चालक की है. कार चालक की एक गलती बाइक सवार को इस कदर महंगी पड़ी कि इस हादसे में उसकी जान चली गई. दिल्ली-एनसीआर में इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें किसी दूसरे की गलती का खामियाजा किसी और अपनी जान गंवा कर चुकानी पड़ी हो. इस मामले में अब आरोपी कार चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित की पहचान अक्षत गर्ग के रूप में की गई है. जबकि आरोपी चालक की पहचान कुलदीप कुमार के रूप में की गई है. 

बीते दिनों दिल्ली में होने वाले सड़क हादसों को लेकर भी एक चौंकाने वाले आंकड़ा सामने आया थे. इन आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में हर दिन कम से कम चार लोगों की सड़क हादसों में होती है. ये मौतें वैसे हादसों में हो रही है जिन्हें हम अपनी सतर्कता से रोक भी सकते हैं. दरअसल, ये खुलासा हुआ है दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 2022 में सड़क हादसों को लेकर कराए गए एक सर्वे की रिपोर्ट को अब सार्वजनिक किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार 2022 में 1517 घातक दुर्घटनाओं में 1571 लोगों की मौत हुई है. यानी हर दिन ऐसे हादसों में औसतन 4 लोगों जान जा रही है. 1571 लोगों की मौत का आंकड़ा 2021 की तुलना में 28 फीसदी ज्यादा है.

दिल्ली-एनसीआर में सड़क हादसों में होने वाली मौत

आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली-एनसीआर में औसतन हर साल एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है. अगर बात दिल्ली की करें तो दिल्ली में ये आंकड़ा 1200 का है. जबकि गुरुग्राम में हर साल औसतन 400 लोगों की मौत ऐसे हादसों में होती है. 

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इस समय होती सबसे ज्यादा मौतें

दिल्ली सरकार की परिवहन विभाग द्वारा जारी किए इस रिपोर्ट में कहा गया था कि रात 9 बजे से सुबह के 2 बजे तक होने वाले सड़क हादसों की संख्या सबसे ज्यादा है. इन हादसों में ही सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं. आंकड़े बताते हैं कि रात के इस समय में तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की वजह से ही ऐसे हादसे ज्यादा दर्ज किए गए थे. यही वह समय होता है जब सबसे ज्यादा हिट एंड रन के मामले भी हुए हैं. 2022 में हुए हादसों में 58 फीसदी हिट एंड रन के मामले हैं. 

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वीकेंड पर होते हैं सबसे ज्यादा सड़क हादसे

बीते दिनों आई दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में सबसे ज्यादा सड़क हादसे वीकेंड पर होते हैं. इन हादसों के पीछे की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वीकेंड पर हिट एंड रन के सबसे ज्यादा मामले आते हैं. 

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ढाई फीट से ऊपर नहीं होनी चाहिए झाड़ियां

NDTV से बात करते हुए एक विशेषज्ञ ने बताया कि हाइवे पर अकसर हम देखते हैं कि रोड के बगल में या फिर मोड के पास झाड़ियां बहुत होती है. कई बार इन झाड़ियों की लंबाई इतनी ज्यादा होती है कि सामने से कौन आ रहा है वो तक नहीं दिखता है. ऐसे में ध्यान देने वाली बात ये है कि इन झाड़ियों को समय-समय पर काटना चाहिए. सुनिश्चित ये करना चाहिए कि इन झाड़ियों की ऊंचाई ढाई फीट से ऊपर नहीं होनी चाहिए. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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