दिल्‍ली-NCR की हवा हुई साफ! GRAP-3 की पाबंदियां हटीं, 2-3 दिन में बारिश का भी अनुमान

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अधिकारियों को तीसरे चरण के तहत निर्धारित प्रतिबंधों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है.

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नई दिल्ली:

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की वायु गुणवत्ता पर केंद्र के आयोग ने मौसम संबंधी परिस्थितियों विशेष रूप से हवा की गति में सुधार होने पर वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट के कारण रविवार को क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (Graded Response Action Plan) के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंधों को हटा दिया. एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है. रविवार को शाम चार बजे शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एएक्यूआई) 339 रहा.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों के अनुसार अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार होने की संभावना है और यह ‘‘गंभीर'' से ‘‘खराब'' श्रेणी में आ सकती है. 

आईएमडी ने अगले दो-तीन दिनों में लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश होने का अनुमान है.

प्रदूषण कम होने पर प्रतिबंध हटाने का निर्देश

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण कम करने की रणनीति बनाने के लिए जिम्मेदार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने क्षेत्र के अधिकारियों को तीसरे चरण के तहत निर्धारित प्रतिबंधों को तुरंत हटाने का निर्देश दिया है.

जीआरएपी चरण तीन के तहत निजी क्षेत्र में गैर-आवश्यक निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाया जाता है.

चरण तीन के तहत, पांचवीं तक की कक्षाएं ‘हाइब्रिड' (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन) तरीके में चलाना आवश्यक है. माता-पिता और छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है.

चरण तीन के तहत, दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल कारों (4-पहिया वाहन) का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. दिव्यांग व्यक्तियों को छूट दी गई है.

सर्दियों में इसलिए बढ़ जाता है प्रदूषण

सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है - चरण एक (खराब, एक्यूआई 201-300), चरण दो (बहुत खराब, एक्यूआई 301-400), चरण तीन (गंभीर, एक्यूआई 401-450), और चरण चार (अतिगंभीर, एक्यूआई 450 से ऊपर).

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प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियां, वाहनों से निकलने वाला धुआं, पराली जलाना, पटाखे फोड़ना तथा अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोत सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता को खतरनाक बना देते हैं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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