दिल्ली में नशे की अब तक की सबसे बड़ी खेप (Delhi Drugs Seized) पकड़ी गई है. इसकी कीमत 5 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है. नशे का ये कारोबार राजधानी में दबे पैर चल रहा था, लेकिन खाकी की नजरों से कब तक बचाया जा सकता था. पुलिस को इसकी भनक तो पहले से ही थी, वह तो बस मौके का इंतजार कर रही थी कि सिर्फ खेप ही नहीं इसके तस्कर भी पकड़े जाएं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल के पास लंबे समय से इंटरनेशनल ड्रैग रैकेट के बारे में पुख्ता जानकारी थी. फिर क्या था पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया और मौका लगते ही इस गैंग पर छापा मार ड्रग्स की खेप के साथ तस्करों को भी धर दबोचा.
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दिल्ली पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप, 500 किलो कोकीन सीज की है, जिसकी कीमत 7 हजार करोड़ रुपए के आसपास है. पुलिस इस नशे की खेप तक कैसे पहुंची और ये खेप कहां से कहां जा रही थी, इसका इस्तेमाल कौन लोग करने वाले थे, विस्तार से बताते हैं.
कहां से कहां भेजी जा रही थी नशे की खेप
पुलिस को दिल्ली में एक्टिव संदिग्ध ड्रग कार्टल के खुफिया मैसेज को रिकॉर्ड करने के दौरान इंटरनेशनल ड्रग रैकेट की भनक लगी थी. पता चला कि विदेश से कोकीन की बड़ी खेप लाई जा रही है, इसको दिल्ली के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में पहुंचाया जाना था. ड्रग की ये खेप पनामा पोर्ट से दुबई होते हुए गोवा पहुंची थी. सीक्रेट बातचीत के मुताबिक, इसको यूपी के हापुड़ और गाजियाबाद और फिर दिल्ली के महिपालपुर में पहंचना था. बस फिर क्या था, पुलिस ने जाल बिछाया और इसे पकड़ लिया.
इन लोगों को बेची जानी थी नशे की ये खेप
- दिल्ली पुलिस ने 562 किलो ग्रेड-1 कोलंबियन कोकीन सीज की.
- ड्रग्स की ये खेप दिल्ली के महिपालपुर में एक गोदाम में रखी थी.
- तुषार गोयल नाम का शख्स नशे की खेप का मुख्य डिस्ट्रीब्यूर है.
- मोक्सको, इथोपिया और दुबई से ये ड्रग्स दिल्ली लाया गया था.
- इस ड्रग्स को कॉलेज स्टूटेंड्स, वर्किंग प्रोफेशनल्स और दिल्ली, मुंबई के अमीर बिजनेसमैन को बेचा जाना था.
- शर्ट के बॉक्स में छिपाकर ड्रग्स को टारगेट तक पहुंचाया जाना था.
- इस ड्रग्स को क्वालिटी के आधार पर 8-16 हजार रुपए प्रति ग्राम की कीमत पर बेचा जाना था.
दिल्ली में कैसे लाई गई हजारों करोड़ की कोकीन?
जैसे ही पुलिस को कोकीन के बारे में पता चला उसने तुरंत जाल बिछा दिया. ड्रग्स को बड़े-बड़े बोरों में पैक करके ट्रक में लादकर दिल्ली लाया जा रहा था. 500 किलो कोकीन से 50 लाख डोज बनाए जाने का प्लान था. नशे की इस डोज को तैयार कर दिल्ली, मुंबई समेत अन्य हिस्सों में पहुंचाया जाना था. लेकिन तस्करों की यह योजना कामयाब नहीं हो सकी और वह पुलिस के हत्थे चढ़ गए. यहां तक कि किनपिंग भी पकड़ा जा चुका है. पुलिस अब उसकी इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट के साथ कनेक्शन की जांच कर रही है.
पुलिस को ड्रग्स की खेप के बारे में कैसे पता चला?
इन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप थ्रेमा पर दो म्यूजिक लवर्स के बीच एक संदिग्ध चेट की निगरानी से पुलिस को कोकीन तस्करी के बारे में पता चला. दुबई में रहने वाला शख्स मुंबई के एक शख्स के साथ ब्रिटिश रॉक बैंड को लेकर बातचीत कर रहा था. जब उनके बारे में गहराई से जांच की गई तो कोकीन तस्करी ऑपरेशन का भंडाफोड़ हो गया. हालांकि दोनों के बीच बातचीत कुछ इस, तरह से चल रही थी कि कोई समझ ही नहीं सकता कि आखिर दोनों कह क्या रहे हैं. लेकिन वास्तव में ये चेट दो इंटरनेशनल ड्रग्स नेटवर्क के अहम प्लेयर्स के बीच की गुप्त बातचीत थी. जांच में दोनों कोकीन तस्कर गिरोह में शामिल पाए गए. ये भी खुलासा हुआ कि म्यूजिक कॉन्सर्ट में इस ड्रग्स को बेचकर वह मोटी रकम कमाना चाहते थे.