Digital arrest scam: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने एक बड़े फेक डिजिटल अरेस्ट स्कैम का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आईवीआर फ्रॉड के जरिए 55 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. पुलिस ने धोखाधड़ी से ठगे हुए 20 लाख रुपये फ्रीज करके पीड़ितों को वापस लौटा दिए हैं.
इस मामले में दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट के डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक पीड़ित ने आईएफएसओ में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें मुंबई एयरपोर्ट के कस्टम ऑफिस से फोन आया था. फोन करने वाले ने बताया था कि उनके नाम पर एक पार्सल पकड़ा गया है, जिसमें 16 नकली पासपोर्ट, 58 एटीएम कार्ड और 40 ग्राम एमडीएमए है. आरोपी ने पीड़ित को धमकी दी थी कि अगर वह पैसे नहीं देती हैं तो उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी. आरोपी ने पीड़िता को कहा उसके खिलाफ मुंबई पुलिस ने अरेस्ट वारेंट जारी किया हुआ है. वो जल्दी सरेंडर कर दे. इसके बाद आरोपियों ने कहा कि सीबीआई को भी एक मामले में उसकी तलाश है. जल्द गिरफ्तारी जरूरी है.
ऐसे की ठगी
आरोपियों ने पीड़िता को कहा कि फिजिकल अरेस्ट की जगह फिलहाल डिजिटल अरेस्ट कर रहे हैं और वॉट्सऐप वीडियो कॉल्स के जरिए पूरा सर्विलांस रखा जाएगा. डिजिटल अरेस्ट के दौरान अलग-अलग लोग खुद को मुंबई पुलिस तो कभी सीबीआई और अलग-अलग जांच एजेंसी के अधिकारी बताकर पीड़िता के एकाउंट्स की जांच कर रहे थे और डरा थे. ऐसा न करने पर मनी लांड्रिंग के चार्जेज़ लगाने की धमकी दे रहे थे. इसी दौरान पीड़िता से 55 लाख रुपये का फ्रॉड किया गया.
यहां से पकड़े गए
जांच के दौरान आरोपी प्रभात कुमार और राजेश कुमार उर्फ राजा और अर्जुन को दिल्ली के बुराड़ी में ट्रेस किया गया और पता लगा कि प्रभात और राजेश केमिला सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में प्रोप्राइटर्स हैं. अर्जुन फ्रॉड से कमाए हुए पैसों के लिए बैंक अकाउंट खोलता था. 55 लाख जो फ्रॉड किए गए थे, उनमें से 20 लाख रुपये एचडीएफसी बैंक अकाउंट में पुलिस ने फ्रीज़ कर दिया और कोर्ट के जरिए पीड़ितों को लौटा दिए. पुलिस ने आरोपियों को बुराड़ी से गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने नकली कंपनियों के जरिए मनी लॉन्डरिंग करने की कोशिश की थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है.