- दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की मुख्य वजह सड़कों के आसपास जमा धूल और कचरे का संचय माना गया है.
- गुरुग्राम के 125 सड़क खंडों का निरीक्षण करते हुए 34 खंडों में अत्यधिक और 58 में मध्यम धूल पाई गई.
- निरीक्षण में खुली जगहों पर कचरा जलाने और ठोस अपशिष्ट के संचय के कारण धूल प्रदूषण बढ़ने की पुष्टि हुई.
दिल्ली-एनसीआर में फैले प्रदूषण संकट की एक अहम वजह सड़कों के आसपास जमी धूल को माना जाता है. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में धूल नियंत्रण उपायों को तेज करने की पहल के तहत वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 26 दिसंबर को सड़क सफाई और झाड़ू लगाने के कार्यों की समीक्षा करने और गुरुग्राम नगर निगम (MCG) के रखरखाव वाले 125 सड़क खंडों की औचक जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया.
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गुरुग्राम की 125 सड़क खंडों का निरीक्षण
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने शनिवार को एक नोट जारी कर कहा, "CAQM द्वारा निरीक्षण किए गए 125 सड़क खंडों में से 34 खंडों में धूल का स्तर अत्यधिक था, 58 खंडों में मध्यम स्तर की धूल थी, 29 खंडों में धूल की तीव्रता कम थी, जबकि केवल चार खंड पूरी तरह धूल रहित थे. अत्यधिक धूल वाले कई खंडों में ठोस अपशिष्ट और निर्माण और तोड़फोड़ अपशिष्ट का भारी संचय पाया गया. इसके साथ ही खुले में जलाने के कई मामले भी सामने आए, जो सड़क रखरखाव, अपशिष्ट प्रबंधन और जमीनी स्तर पर प्रवर्तन में गंभीर कमियों को दर्शाते हैं."
आयोग ने गुरुग्राम नगर निगम (MCG) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 125 सड़क खंडों के निरीक्षण के लिए कुल 17 निरीक्षण दल गठित किए थे. इसमें हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 15 टीमें और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की दो टीमें शामिल थीं.
गुरुग्राम में कई जगहों पर धूल की समस्या
इस औचक निरक्षण के दौरान गुरुग्राम के अलग-अलग वार्डों और सेक्टरों में कई जगहों पर सड़क के किनारे लगातार धूल जमा होने और कचरा फेंके जाने की समस्या सामने आयी. CAQM के निरिक्षण दस्तों ने पाया कि गुरुग्राम में कई जगहों पर खुले में कचरा जलाने की वजह से धूल की समस्या और भी बदतर हो गई हैं.
इस जांच निरक्षण प्रक्रिया के बाद CAQM ने सभी एजेंसियों, खासकर MCG को सफाई अभियान में तेज़ी लाने, मैकेनिकल सफाई कार्यक्रम को बेहतर बनाने और धूल नियंत्रण मानदंडों और आयोग के वैधानिक निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
खुले में आग जलाने से रोकने के निर्देश
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक, "आयोग ने पाया कि समग्र निरीक्षण परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि एमसीजी की ओर से जमीनी स्तर पर कार्यों को काफी मजबूत करने की आवश्यकता है. इसमें विशेष रूप से नियमित यांत्रिक सफाई, एकत्रित धूल और कचरे को समय पर उठाकर वैज्ञानिक तरीके से निपटाने, सक्रिय जल छिड़काव और धूल-नियंत्रण उपायों के संबंध में, और खुले में आग जलाने पर सख्त रोक लगाने के संबंध में ध्यान दिया गया है. आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि सड़कों की स्थिति में स्पष्ट सुधार सुनिश्चित करने और धूल एवं कचरे के पुनः संचय को रोकने के लिए निरंतर और केंद्रित प्रयास आवश्यक हैं".
आयोग ने दोहराया कि धूल नियंत्रण और खुले में आग जलाने की रोकथाम के लिए वैधानिक निर्देशों और GRAP उपायों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु 'ऑपरेशन क्लीन एयर' के तहत निरीक्षण और प्रवर्तन अभियान पूरे एनसीआर में नियमित रूप से जारी रहेंगे.












