आतिशी की लव स्टोरी से लेकर उनकी पढ़ाई और परिवार को लेकर विवाद तक जानिए हर डिटेल

Delhi New CM Atishi: आतिशी ने राजनीति में बहुत जल्दी वह पा लिया है, जो खुद उन्हीं की पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं को हासिल नहीं हुआ...जानिए आतिशी की आतिशी पारी के बारे में सब कुछ...

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आतिशी से आम आदमी पार्टी को अब उम्मीद हैं कि वो उसका वोट बैंक मजबूत करेंगी.

Delhi New CM Atishi: दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर की बेटी आतिशी अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. दिल्ली में कई नेताओं ने राजनीति करते-करते अपनी जीवन खपा दिया, लेकिन वह मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच सके. मगर आतिशी ने विधायक से मुख्यमंत्री बनने का सफर महज 4 सालों में तय कर लिया. आतिशी की राजनीति की ही तरह उनकी लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है. 

किस से हुआ प्यार?

आतिशी ने जिस शख्स से प्यार किया उनका नाम प्रवीण सिंह (Praveen Singh) है. इनकी लव स्टोरी अटकी नहीं, बल्कि फुल स्पीड में आगे बढ़ी और अब दोनों पति-पत्नी हैं. आतिशी के पति प्रवीण सिंह शिक्षाविद और एक रिसर्चर हैं. प्रवीण सद्भावना इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी जैसे संस्थानों के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की है. उन्होंने कई बड़े संस्थानों में काम किया है. वह अमेरिका की कंसल्टेंसी फर्म्स में भी सेवा दे चुके हैं. इसके बाद वह सामाजिक कार्यों में जुट गए.

कैसे हुआ प्यार?

प्रवीण कॉलेज के दिनों से ही सामाजिक काम करते रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतिशी और प्रवीण सिंह की मुलाकात दिल्ली में हुई थी. प्रवीण सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आते, लेकिन आतिशी और प्रवीण दोनों की मंजिल सामाजिक कार्य ही है. दोनों ने साथ में सामाजिक कार्य किए हैं. आतिशी ने प्रवीण के साथ मिलकर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के लिए मध्य प्रदेश में साल 2007 में आतिशी से संपर्क स्थापित किया. धीरे-धीरे दोनों करीब आए और यह रिश्ता शादी में बदल गया. आतिशी और प्रवीण सिंह की शादी कुछ साल पहले ही हुई है. प्रवीण इतना ज्यादा लो प्रोफाइल रहते हैं कि उनकी एक भी तस्वीर सोशल मीडिया पर ढूंढना मुश्किल है.

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टीचर भी थीं आतिशी

वैसे आतिशी का पूरा नाम आतिशी मार्लेना है. उनका जन्म 8 जून 1981 को हुआ था. उनके पिता विजय कुमार सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे. उनकी मां का नाम त्रिप्ता वाही है. आतिशी ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली के स्प्रिंगडेल स्कूल से की. साल 2001 में दिल्ली के ही सेंट स्टीफंस कॉलेज में हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद मास्टर्स ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से किया. वह स्कॉलरशिप पर पढ़ने ऑक्सफोर्ड गईं. पहले मास्टर्स के कुछ ही सालों में उन्होंने शैक्षिक अनुसंधान में रोड्स स्कॉलर के रूप में ऑक्सफोर्ड से ही दूसरी मास्टर की डिग्री हासिल की. आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले आतिशी ने मध्य प्रदेश के छोटे से गांव में 7 साल तक काम किया. इसके बाद वह आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में हिस्ट्री और इंग्लिश की टीचर भी रहीं.

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AAP से ऐसे जुड़ा नाता

आम आदमी पार्टी में आतिशी की एंट्री पार्टी की स्थापना के समय ही हो गई थी. हालांकि, वह कोर टीम का हिस्सा नहीं थीं. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के समय पर वह AAP के घोषणापत्र मसौदा समिति की प्रमुख सदस्य रहीं. पार्टी के मुताबिक आतिशी की AAP के गठन के शुरुआती समय में उसकी नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका रही. आतिशी आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता भी रहीं. वर्तमान में वह दिल्ली के कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. आतिशी AAP के राजनीतिक मामलों की समिति की सदस्य भी हैं. अप्रैल 2018 में दिल्ली के तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में काम किया और दिल्ली में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के हालात सुधारने में अहम भूमिका निभाई. 2020 विधानसभा चुनाव आतिशी के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ. आम आदमी पार्टी ने उनको कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार धर्मबीर सिंह को 11 हजार 422 वोटों से जीत हासिल की. तत्कालीन शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जब जेल गए और उन्होंने इस्तीफा दिया तो 9 मार्च 2023 को AAP कैबिनेट में फेरबदल हुआ तो केजरीवाल सरकार में वह मंत्री बनीं और अब मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं. 

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परिवार को लेकर सवाल

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आतिशी को दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक दल की नेता चुने जाने को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'चिंता का विषय' करार दिया और कहा कि यह दिल्ली के लोगों के साथ 'अन्याय' है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को एक बयान जारी कर आतिशी को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'यह चिंताजनक है कि आप ने आतिशी को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है जबकि उनके माता-पिता भारतीय संसद पर हमले के लिए जिम्मेदार एक आतंकवादी को फांसी दिए जाने से रोकना चाहते थे.' उन्होंने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति आप की प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़े करता है. चुघ ने कहा, 'किसी ऐसे व्यक्ति को विधायक दल की नेता नियुक्त करना, जिनके परिवार को एक दोषी आतंकवादी के साथ सहानुभूति थी, दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय है.' स्वाति मालीवाल ने भी यही आरोप लगाए हैं. 

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