दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को उनके घर में आठ घंटे तक 'डिजिटल अरेस्ट' करके 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई. पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. ‘डिजिटल अरेस्ट' (धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराना-धमकाना) के पीड़ित अपनी पत्नी के साथ रोहिणी के सेक्टर 10 में रहते हैं. उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस को 60 लाख रुपये 'फ्रीज' करने में सफलता मिली है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'ऐसा संदेह है कि धोखाधड़ी विदेश से कॉल करने वालों द्वारा की गई थी'.
इस तरह से बनाया शिकार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस और साइबर विशेषज्ञों की एक टीम को पैसे बरामद करने और मामले की आगे की जांच करने का काम सौंपा गया है. शिकायतकर्ता के अनुसार, उसे ताइवान से एक पार्सल के बारे में कॉल आया था. कॉल करने वाले ने उसे बताया कि पार्सल, जिस पर उसका नाम लिखा है, मुंबई एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है. फोन करने वाले ने उन्हें बताया कि पार्सल में प्रतिबंधित दवाएं हैं और मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी उनसे बात करेंगे.
आठ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया
शिकायत के अनुसार, पीड़ित को वीडियो कॉल के लिए स्काइप डाउनलोड करने के लिए कहा गया था. अधिकारी ने कहा, "वीडियो कॉल के दौरान, उसे कम से कम आठ घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी पर रखा गया और आरोपी ने कथित तौर पर उसे अलग-अलग खातों में 10.3 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. बाद में, उसने अपने परिवार के सदस्यों को इसके बारे में सूचित किया."
पीड़ित के परिवारवालों ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में पुलिस से संपर्क किया और संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया. पीड़ित ने पुलिस को आगे बताया कि आरोपियों ने उसे धमकी दी कि उसके दो बच्चों - एक बेटा जो दुबई में रहता है और एक बेटी जो सिंगापुर में रहती है - को भी निशाना बनाया जाएगा. पीड़ित एक निजी कंपनी में काम करता था. वह कुछ साल पहले सेवानिवृत्त हुआ था.