भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. केंद्र सरकार के सख्त रुख के बाद क्रिप्टो मार्केट में गिरावट भी देखने को मिली है. अब मामले से जुड़े लोगों ने बताया है कि भारत छोटे निवेशकों की सुरक्षा करते हुए क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय संपत्ति (Cryptocurrency as an asset) के रूप में मानने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत में क्रिप्टो को लेकर उथल-पुथल तब से है जब से यह खबर आई है कि क्रिप्टो को लेकर अधिकारी एक विधेयक को अंतिम रूप देने में लगे हैं. जिसे केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले सत्र में पेश कर सकती है. पहचान छिपाने की शर्त पर इससे जुड़े लोगों ने बताया कि क्रिप्टो को वैध करेंसी मान्यता नहीं दी जाएगी. लेकिन डिजिटल मुद्रा के रूप में इसमें निवेश हो सकेगा, उसके लिए भी न्यूनतम राशि निर्धारित की जा सकती है.
सरकार ने लोकसभा की वेबसाइट पर मंगलवार की देर रात एक नोटिफिकेशन में कहा था कि बिल भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कुछ अपवादों को क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग की अंतर्निहित तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देगा.
अनिश्चितता ने बुधवार को Shiba Inu और Dogecoin को बहुत नीचे ढकेल दिया. भारत के प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में से एक, WazirX प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग में 20% से अधिक नीचे थे. वे Binance या Kraken जैसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर बहुत कम प्रभावित हुए.
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) डिजिटल मुद्राओं पर पूर्ण प्रतिबंध चाहता है क्योंकि केंद्रीय बैंक को लगता है कि यह देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है. जबकि सरकार अगले बजट में क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर कर लगाने पर विचार कर रही है, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश को इस मुद्दे पर बहुत गहन चर्चा की जरूरत है.
लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर सक्रियता से विचार कर रहा है और विधेयक की विषय-वस्तु को अंतिम रूप देने के बाद इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास ले जाया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी, जिसके बाद अधिकारियों ने कहा कि भारत अनियमित क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का रास्ता नहीं बनने देगा.