क्रिप्टो रेगुलेशंस पर अन्य देशों का समर्थन जुटाएगी केंद्र सरकार

लोकसभा में सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो सेगमेंट पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था

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हाल ही में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को लेकर टैक्स से जुड़े कानून लागू हुए हैं
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  • क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले बढ़ रहे हैं
  • G20 की FSB ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने की तैयारी की है
  • FSB के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है
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क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर स्पष्ट रेगुलेशंस नहीं होने से इस सेगमेंट में स्कैम के मामले बढ़ रहे हैं. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया है कि अगर अन्य देश क्रिप्टो सेगमेंट पर बैन लगाने का समर्थन नहीं करते और इस तरह का निर्णय नहीं लेते तो देश में इसे लागू करना मुश्किल होगा.

सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो सेगमेंट पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया था. RBI को चिंता है कि फाइनेंशियल सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसीज के शामिल होने का मॉनेटरी और फिस्कल स्टेबिलिटी पर असर पड़ सकता है. देश में हाल ही में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को लेकर टैक्स से जुड़े कानून लागू हुए हैं और इससे क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम घट गई है. सीतारमण ने लोकसभा में दिए एक लिखित बयान में कहा, "RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. RBI ने बताया है कि यह एक करेंसी नहीं है क्योंकि प्रत्येक करेंसी को सेंट्रल बैंक या सरकार की ओर से जारी किए जाने की जरूरत होती है." 

हाल ही में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने ब्लॉकचेन एंड क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) को बंद करने का फैसला किया था. क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले बढ़ रहे हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए G20 की संस्था फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) ने अगले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कड़े ग्लोबल रूल्स का प्रपोजल देने की तैयारी की है.

FSB में  G20 देशों के रेगुलेटर्स और सेंट्रल बैंकों के अधिकारी शामिल हैं. FSB को क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी तक सीमित रखा गया था लेकिन पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज में वोलैटिलिटी अधिक होने और स्कैम्स के मामले बढ़ने से कड़े रूल्स की जरूरत है. FSB की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में बताया गया था कि वह G20 के फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स को स्टेबलकॉइन्स और अन्य क्रिप्टो एसेट्स के रेगुलेटरी कंट्रोल और निगरानी के बारे में रिपोर्ट देगा. स्टेबलकॉइन्स को लेकर FSB का मानना है कि इनका इस्तेमाल पेमेंट के एक जरिए के तौर पर करने के लिए कड़े रेगुलेशन की जरूरत है. FSB के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है लेकिन इसके सदस्य अपने अधिकार क्षेत्रों में इसके रेगुलेटरी सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

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