रेडियो डॉज के माध्यम पहली बार ऑफलाइन डॉज ट्रांजैक्शन को अंजाम दिया गया है. यानि कि पहली डॉजकॉइन के लिए बिना इंटरनेट कोई ट्रांजैक्शन हुआ है. 22 अप्रैल, 2022 को पहला डॉजकॉइन (DOGE) ट्रांजैक्शन रेडियो ट्रांसमिशन के माध्यम किया गया. इसमें स्टारलिंक ग्लोबल नेटवर्क की मदद ली गई. इस डेवलेपमेंट की जानकारी डॉगकोइन डेवलपर मिची लुमिन ने दी जिसे उन्होंने ट्विटर पर शेयर किया.
रेडियो ट्रांसमिशन के माध्यम से भेजी जाने वाली DOGE पहली क्रिप्टोकरेंसी नहीं है. मेश नेटवर्किंग, अमेचर रेडियो इक्विपमेंट और पोर्टेबल एंटेना जैसे कॉन्सेप्ट ने लोगों को इंटरनेट एक्सेस के बिना बिटकॉइन ट्रांजैक्शन करने की एक्सेस दी है. मिची ल्यूमिन और टिमोथी स्टैबिंग ने एक ब्लॉग पोस्ट में हाल ही में इस बात का जिक्र किया था कि बिना इंटरनेट के डॉजकॉइन ट्रांजैक्शन करने में एलन मस्क की कंपनी SpaceX के Starlink सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए एक रेडियोडॉज रीजनल हब तैयार किया गया.
इस तकनीक को रेडियोडॉज नाम दिया गया है जो एक कम खर्च वाली और भरोसेमंद तकनीक है. यह स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के साथ काम करती है. यह ऑफलाइन ट्रांजैक्शन अमेरिका के कोलोराडो में मौजूद HF रेडियो से 150 से अधिक मील की दूरी पर रीजनल हब में ट्रांसमिट किया गया.
प्रोसेस कुछ इस तरह से हुआ कि रीजनल हब से डॉजकॉइन ट्रांजैक्शन को स्टारलिंक सैटेलाइट इस्तेमाल करते हुए डॉजकॉइन टेस्टनेट पर भेजा गया. इसके बारे में डॉजकॉइन सपोर्टर्स ने भी सोशल मीडिया पर उत्साह दिखाया. एक यूजर ने लिखा, "रेडियो डॉज का इस्तेमाल करते हुए, इंटरनेट के बिना पहला डॉगकॉइन ट्रांजैक्शन हुआ. रेडियो डॉज के माध्यम से डॉज ऐसे लोगों तक पहुंचेगा जिनके पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है."
Dogecoin की कीमत की बात करें तो भारत में यह 10.87 रुपये पर चल रही है. इसकी कीमत में बहुत अधिक बदलाव नहीं हो रहा है. बल्कि, पिछले एक हफ्ते से डॉजकॉइन की कीमत में गिरावट का दौर जारी है. 16 अप्रैल के बाद से इस क्रिप्टोकरेंसी में लगातार गिरावट देखी गई है. आज भी इसकी कीमत में लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. पिछले कुछ समय से डॉजकॉइन की पॉपुलरिटी में कमी आई है. यह मीम क्रिप्टोकरेंसी अब मार्केट कैप के हिसाब से टॉप 10 की लिस्ट से अब बाहर हो चुकी है.