क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के 7 मामलों की जांच कर रहा ED

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामलों की ED की ओर से जांच में पता चला है कि आरोपियों ने वर्चुअल करेंसी के जरिए अपराध से मिली रकम को खपाया है

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जांच में पता चला है कि आरोपियों ने वर्चुअल करेंसी के जरिए अपराध से मिली रकम को खपाया है

एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ( ED) ऐसे सात मामलों की जांच कर रहा है जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया गया है. इनमें अब तक लगभग 135 करोड़ रुपये की अपराध से प्राप्त रकम जब्त की गई है. इस बारे में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सायबर अपराधियों के क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करने की जानकारी दी है. 

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामलों की ED की ओर से जांच में पता चला है कि आरोपियों ने वर्चुअल करेंसी के जरिए अपराध से मिली रकम को खपाया है. चौधरी ने बताया कि ED ऐसे सात मामलों की जांच कर रहा है जिनमें क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है. ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों की सरकार की ओर से पहचान किए जाने से जुड़े प्रश्न पर, चौधरी ने कहा कि ED की जांच में पता चला है कि कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी एकाउंट्स के जरिए अपराध की रकम को विदेश भेजा था. 

इनमें से एक मामले में ED ने एक आरोपी को दो वर्ष पहले गिरफ्तार किया था. इस व्यक्ति ने आरोपी विदेशी फर्मों को अपराध से मिली रकम को क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर उसे विदेश में ट्रांसफर किया था. इस बारे में अभियोजन की ओर से एक शिकायत PMLA स्पेशल कोर्ट में दाखिल की गई है. 

क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं. हाल ही में महाराष्‍ट्र के नागपुर में 40 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामला सामने आया था. इसमें दो हजार से ज्‍यादा निवेशकों को निशाना बनाया गया है. इसका मुख्य आरोपी लोगों को एक फर्म में निवेश करने के लिए आकर्षित करता था. वह अपना लाइफस्‍टाइल दिखाकर निवेशकों को लुभाता था. आरोपी का दावा था कि वह 'Ether' में डीलिंग कर रहा है. अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने भी क्रिप्टोकरेंसी के जरिए फ्रॉड का एक बड़ा मामला पकड़ा है. इसमें न्यूयॉर्क के एक दंपत्ति पर 4.5 अरब डॉलर से अधिक (लगभग 33,750 करोड़ रुपये) के बिटकॉइन्स की लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है. ये बिटकॉइन लगभग छह वर्ष पहले डिजिटल करेंसी एक्सचेंज Bitfinex को हैक कर चुराए गए थे. पिछले वर्ष अमेरिका के सबसे बड़े फ्यूल पाइपलाइन नेटवर्क पर सायबर हमले के बाद प्रेसिडेंट  Joe Biden के तहत आने वाले रेगुलेटर्स ने क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री की स्क्रूटनी बढ़ाई है.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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