Shiba Inu Coin : Dogecoin के टक्कर में उतरा नया टोकन, जबरदस्त उछाल से खींच रहा निवेशक

Dogecoin Crypto : Shiba Inu कॉइन को इथिरियम से बनाया गया है और वर्तमान समय की मार्केट कैपिटल की बात करें तो यह मार्केट में मौजूद टॉप 100 सिक्कों में सबसे तेज विकास करने वाली क्रिप्टोकरंसी है.

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Dogecoin क्रिप्टो की तर्ज पर निकला Shiba Inu Coin, कीमतों में उछाल.

Dogecoin के लोगो (logo) में लगे डॉग का चेहरा अब दुनियाभर में मशहूर है. इसका श्रेय इस क्रिप्टोकरंसी को जाता है जिसे शुरुआत में महज एक मजाक की तरह लॉन्च कर दिया गया था. मगर आजकल इंटरनेट पर Dogecoin खूब सुर्खियां बटोर रहा है. Shiba Inu डॉग के चेहरे को केवल Dogecoin पर नहीं प्रयोग किया गया है. Shiba Inu कॉइन भी आजकल खूब चर्चा में है. Shiba Inu कॉइन को इथिरियम से बनाया गया है और वर्तमान समय की मार्केट कैपिटल की बात करें तो यह मार्केट में मौजूद टॉप 100 सिक्कों में सबसे तेज विकास करने वाली क्रिप्टोकरंसी है. Shiba Inu कॉइन को Dogecoin के विकल्प के रूप में देखा जाता है और यह कॉइन फिलहाल पिछले सात दिनों में 1,970.57 प्रतिशत रिटर्न दे चुका है.

इस क्रिप्टोकरंसी में आए इस उछाल पर आश्यर्य नहीं किया जा सकता है क्योंकि नई नई शुरू हुई क्रिप्टोकरंसी में घातांकिय विकास बहुत ही साधारण सी बात है. इसलिए यह इस कॉइन में इन्वेस्ट करने का एकमात्र कारण होना चाहिए. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इनका तुलनात्मक मूल्य कम होता है. CoinMarketCap के अनुसार Shiba Inu कॉइन की वर्तमान कीमत 0.00000163 डॉलर है जो कि अप्रैल के मध्य में केवल 0.0000006 डॉलर थी.

शिबा इनू की मार्केट कैपिटल ही है जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. इसकी वैल्यू $13 बिलियन के साथ काफी चौंकाती है. वहीं Dogecoin की वैल्यू $61 बिलियन है. हालांकि इससे पहले डॉजकॉइन की वैल्यू $90 बिलियन थी मगर एलेन मस्क के द्वारा SNL में की गई एक टिप्पणी के बाद इसकी कीमत गिर गई.

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डॉजकॉइन और शिबा इनू में अंतर

इन दोनों मुद्राओं में अंतर केवल इतना है कि डॉजकॉइन एक कॉइन है जबकि शिबा इनू एक टोकन है. इन दोनों में अंतर करने के लिए आपको ज्ञात होना चाहिए कि क्रिप्टोकरंसी (डॉजकॉइन) के पास अपनी स्वयं की ब्लॉकचेन होती है जबकि क्रिप्टो टोकन (शिबा इनू) पहले से मौजूद ब्लॉकचेन पर बनाए जाते हैं. शिबा इनू कॉइन को SHIB टोकन के नाम से बेचा जाता है.

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इस टोकन की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे बड़ा लाभ इस वक्त इथिरियम के फाउंडर विटालिक बुटेरिन को मिल रहा है क्योंकि शिबा इनू को इथिरियम से ही बनाया गया है. इसकी कीमतों में आए उछाल ने बुटेरिन की कुल संपत्ति में 11 बिलियन डॉलर की बढोत्तरी की है. बुटेरिन के पास 505 बिलियन SHIB टोकन हैं जो इसकी कुल सप्लाई का 50 प्रतिशत है.

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यहां पर एक रोचक तथ्य यह है कि बुटेरिन को यह टोकन खरीदने नहीं पड़े थे बल्कि उन्हें यह टोकन शिबा इनू के निर्माताओं के द्वारा मुफ्त में दिए गए थे. ऐसा इसलिए किया गया था ताकि मार्केट में इसके प्रसार की कड़ी तोड़ी जा सके और टोकन की कमी एक कारक बन सके.

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SHIB के संस्थापक ने एक कंपनी नोट में कहा, "हमने विटालिक को इसकी 50 प्रतिशत सप्लाई दी है. अपने में ही महान बनने का कोई औचित्य नहीं है जब तक कि विटालिक बुटेरिन की छत्रछाया न मिले, उसके बाद ही SHIBA विकास करेगा और मार्केट में बना रह सकेगा."

कुल मिलाकर इस क्रिप्टोकरंसी के बारे में इतना ही कहा जा सकता है कि ये क्रिप्टोकरंसी एक टोकन है और यूजर इसको ट्रिलियन की संख्या में भी अपने पास रख सकते हैं.

भारत में अभी स्थिति साफ नहीं

वहीं बात जब भारत की आती है तो क्रिप्टोकरंसी को लेकर स्थिति अभी भी साफ नहीं है. भारतीय व्यापार मंच पर इसका लेन देन अभी नहीं शुरू हुआ है. यहां तक कि बड़े भारतीय क्रिप्टो व्यापार प्लेटफॉर्म्स जैसे WazirX, Coinswitch Kuber और CoinDCX GO पर भी यह टोकन देखने को नहीं मिलता है. मगर कोई निवेशकर्ता इसमें व्यापार करने की रूचि रखता है तो वह इसे फिलहाल CoinDCX, Binance, और Coinbase से खरीद सकता है. हां, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि यदि इस टोकन की कीमतों में इसी तरह के उछाल देखने को मिलते रहे तो निश्चित ही SHIB को भारतीय व्यापार मंचों पर भी कुछ समय बाद लिस्ट होते देखा जा सकता है.

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