कॉइनबेस ने UPI के जरिए क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने का विकल्प हटाया

NPCI ने हाल ही में एक स्टेटमेंट जारी कर Coinbase के UPI लिंक्ड क्रिप्टो परचेज फीचर को मान्यता देने से इनकार कर दिया था

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Coinbase ने पिछले सप्ताह भारत में अपनी सर्विसेज शुरू की थी

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने क्रिप्टो एक्सचेंज Coinbase के UPI लिंक्ड क्रिप्टो परचेज फीचर को मान्यता नहीं दी थी कि अब एक्सचेंज ने रेगुलेटरी मुश्किल के कारण क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने के लिए UPI से पेमेंट पर रोक लगा दी है. Coinbase ने पिछले सप्ताह भारत में अपनी सर्विसेज शुरू की थी. देश में इसके यूजर्स अब UPI के जरिए पेमेंट कर क्रिप्टोकरेंसीज नहीं खरीद सकते. 

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में एक स्टेटमेंट जारी कर Coinbase के UPI लिंक्ड क्रिप्टो परचेज फीचर को मान्यता देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद एक्सचेंज ने UPI के जरिए पेमेंट पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही Coinbase ने कहा कि वह देश के नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है. एक्सचेंज के यूजर्स के लिए पेमेंट के विकल्प के तौर पर UPI को हटाया जाना चिंता का एक संकेत है क्योंकि ऐप पर परचेज के लिए किसी अन्य तरीके को सपोर्ट नहीं है. हालांकि, क्रिप्टोकरेंसीज को बेचने के लिए IMPS के जरिए इंटरबैंक ट्रांसफर को सपोर्ट दिया जा रहा है. 

देश में UPI पेमेंट्स की पेशकश के लिए Coinbase ने मोबाइल वॉलेट फर्म MobiKwik के साथ पार्टनरशिप की थी. रेगुलेटर्स के साथ किसी तरह के विवाद से क्रिप्टो से जुड़ी फर्में बचना चाहती हैं और बैंक भी रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण इन फर्मों के साथ जुड़ने से हिचकते हैं.

Coinbase के को-फाउंडर और CEO Brian Armstrong ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत में उनकी फर्म लंबी अवधि का इनवेस्टमेंट कर रही है. Brian ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि  उनकी फर्म ने क्रिप्टो और Web 3 सेगमेंट से जुड़ी भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनियों में लगभग 15 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट किया है. उनका कहना था, "हमारा मानना है कि भारत के वर्ल्ड क्लास सॉफ्टवेयर टैलेंट के कारण क्रिप्टो और Web 3 टेक्नोलॉजी से देश की इकोनॉमिक और फाइनेंशियल इनक्लूजन के लक्ष्यों को जल्द पूरा करने में मदद मिल सकती है." Coinbase की योजना इस वर्ष के अंत तक भारत में अपने एंप्लॉयीज की संख्या चार गुना करने की भी है. इसके एंप्लॉयीज की मौजूदा संख्या लगभग 300 की है. केंद्र सरकार डिजिटल एसेट्स सेगमेंट को लेकर एक सतर्क रवैया रखती है. हालांकि, इसकी क्रिप्टो इंडस्ट्री पर पाबंदी या बैन लगाने की योजना नहीं है. देश में इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग से प्रॉफिट पर टैक्स देना होगा. 

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