Chainalysis ने लॉन्च की एंटी-क्रिप्टो हैकिंग हॉटलाइन

एंटिटीज को अजनबी लोगों से संदिग्ध क्रिप्टो पेमेंट के निवेदन मिलने पर वे इस हॉटलाइन पर कॉल कर रिपोर्ट दे सकती हैं

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हाल ही में ब्लॉकचेन नेटवर्क Ronin से लगभग 61.5 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई थी

क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर में हैकिंग जैसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो सेगमेंट में हैकिंग की कोशिशों से निपटने के लिए ब्लॉकचेन रिसर्च फर्म Chainalysis ने ऐसे मामलों की रिपोर्ट देने के लिए एक हॉटलाइन शुरू की है. एंटिटीज को अजनबी लोगों से संदिग्ध क्रिप्टो पेमेंट के निवेदन मिलने पर वे इस हॉटलाइन पर कॉल कर रिपोर्ट दे सकती हैं. यह हॉटलाइन 24x7 काम करेगी. इस पर चोरी को लेकर यूजर्स की शिकायतें, कोड के गलत इस्तेमाल या रैंसमवेयर अटैक की रिपोर्ट दी जा सकेगी. 

Chainalysis ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि हैकर्स ने पिछले वर्ष 251 अटैक्स में लगभग 3 अरब डॉलर की चोरी की थी और नुकसान पहुंचाया था. इस वजह से ऐसे अटैक्स का निशाना बनने वाली फर्मों के लिए क्रिप्टो इंसिडेंट रिस्पॉन्स कही जाने वाली हॉटलाइन को लॉन्च किया जा रहा है. हैक अटैक के मामले में प्रत्येक पीड़ित से रिसर्चर्स की एक टीम बात करेगी और चोरी किए गए क्रिप्टो से जुड़े फंड का पता लगाने की कोशिश की जाएगी. गंभीर मामलों में लोकल अथॉरिटीज को भी शामिल किया जा सकता है. क्रिप्टो सेगमेंट पर हैकर्स के अटैक बढ़ने के कारण लोग इस सेगमेंट में ट्रेडिंग करने से डर रहे हैं. 

ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है, "ऐसे अटैक्स से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विश्वास कमजोर हो रहा है. हम इस सर्विस के जरिए इस तरह की मुश्किलों का सामना करने वाली फर्मों की मदद करने के साथ ही ऐसे अटैक के दोषियों पर शिकंजा कसना चाहते हैं." इस हॉटलाइन के प्रमुख Chainalysis के इनवेस्टिगेशन मैनेजर Jarno Laatikainen होंगे. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस हॉटलाइन का शुरुआत में किन रीजंस को एक्सेस मिलेगा. 

हाल ही में Chainalysis ने एक रिपोर्ट में दावा किया था कि इस वर्ष सायबर अपराधियों ने अभी तक डिजिटल एसेट्स में लगभग 1.7 अरब डॉलर की चोरी की है. इन अपराधियों ने 97 प्रतिशत मामलों में डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल्स को निशाना बनाया है. ऐसे ही एक मामले में ब्लॉकचेन नेटवर्क Ronin से लगभग 61.5 करोड़ डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी हुई थी. अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने इस हैक के लिए  Lazarus ग्रुप को जिम्मेदार बताया था. Lazarus हैकिंग ग्रुप पर उत्तर कोरिया के इंटेलिजेंस ब्यूरो का नियंत्रण है. इस हैकिंग ग्रुप पर रैंसमवेयर अटैक, इंटरनेशनल बैंकों और कस्टमर एकाउंट्स की हैकिंग के आरोप लग चुके हैं. 
 

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