नई दिल्ली:
नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है. किसी जमाने में भक्तों को अपने एक इशारे में नचाने वाला असाराम आज काल कोठरी में कैद है. यहां पर हम आपको बता रहे हैं कि कैसे चाय बेचने वाला असाराम ने इतना बड़ा साम्राज्य कायम किया:
नाबालिग से रेप केस में आसाराम समेत तीन दोषी करार
चाय बेचता था असाराम
आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी है. उसका जन्म 17 अप्रैल, 1941 को बिरानी नाम के गांव में हुआ था. अब ये गांव पाकिस्तान में आता है. बंटवारे के बाद आसाराम भी अपने परिवार के साथ भारत आ गया. पिता की मौत के बाद आसाराम ने मजिस्ट्रेट ऑफिस के सामने कुछ समय तक चाय भी बेची. आसाराम 15 साल की उम्र में ही घर से भागकर आश्रम चला गया था. किसी तरह उसके घरवाले उसे वापस लाए और उसकी शादी लक्ष्मी देवी से करवा दी. लक्ष्मी देवी से उसके दो बच्चे हुए नारायण साईं और भारती देवी.
इस तरह मशहूर हुआ आसाराम
लीलाशाह उसके आध्यात्मिक गुरु थे और उन्होंने ही उसका नाम असुमल से आसाराम रखा. अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर साबरमती नदी के किनारे मुटेरा कस्बे में उसने अपनी पहली कुटिया बनाई. शुरुआत में गुजरात के ग्रामीण इलाके के लोग उसका भजन-कीर्तन सुनने आया करते थे. लोगों को लुभाने के लिए वो इलाज और मुफ्त दवाओं का प्रलोभन देता था. यही नहीं भजन-कीर्तन के बाद प्रसाद के नाम पर फ्री में खाना भी बांटा जाता था. इन सब वजहों से आसाराम को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे. धीरे-धीरे प्रभाव बढ़ने के साथ उसका नाम गुजरात के बाहर देश के दूसरे इलाकों में भी मशहूर होने लगा.
10 हजार करोड़ का मालिक है आसाराम
आसाराम ने अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर देश-विदेश में अपने 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा किया. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आसाराम की प्रॉपर्टी की कुल कीमत 10 हजार करोड़ रुपये बताई गई है. इसकी जांच फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. इस जांच में आश्रम निर्माण के लिए गलत तरीके से जमीन हड़पने के मामले भी शामिल हैं.
पीड़िता के पिता ने कहा, न्याय मिला...अब कड़ी सजा की उम्मीद
आसाराम का राजनीतिक रसूख
आसाराम की वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में उसके चार करोड़ अनुयायी हैं. यही वजह है कि एक समय में आसाराम का राजनीतिक रसूख भी अच्छा खासा था. 1990 से लेकर 2000 तक बीजेपी के कई बड़े नेता उसके भक्त थे. इन भक्तों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नितिन गडकरी शामिल हैं. यही नहीं बीजेपी सरकार के कई वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री भी उसके भक्त हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह, प्रेम कुमार धूमल और वसुंधरा राजे का नाम है. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तो कई बार खुलेआम आसाराम का बचाव कर चुकी हैं.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ बीजेपी नेता ही आसराम के भक्त रहे हैं. कई कांग्रेसी नेता भी आसराम के दरबार में मत्था टेक चुके हैं. इनमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और मोतीलाल वोरा जैसे कई वरिष्ठ कांग्रेसी शामिल हैं.
जब भर गया आसाराम के पाप का घड़ा
वो कहते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाता है तब कोई साथ नहीं देता. आसराम के साथ भी ठीक वैस ही हुआ. जैसे-जैसे आसाराम के काले कारनामे दुनिया के सामने आने लगे वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों और नेताओं ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी. साल 2008 में आसाराम के मुटेरा आश्रम में दो बच्चों की हत्या का मामले सामने आया. 2012 में पुलिस ने आश्रम के 7 कर्मचारियों पर गैर-इरादतन हत्या के आरोप तय किए. मामला अहमदाबाद के सत्र न्यायालय में लंबित है.
कोई था गार्ड, किसी के चलते थे बीयर बार, जानिए 14 बाबाओं की कहानी
फिर साल 2013 में आसाराम के खिलाफ नाबालिग लड़की के साथ रेप का मामला दर्ज किया गया. पीड़ित लड़की का परिवार आसाराम का भक्त था. लड़की भी उसी के आश्रम में पढ़ती थी. यहां तक कि लड़की के पिता ने अपने खर्च पर शाहजहांपुर में आसाराम का आश्रम भी बनवाया था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनकी 16 साल की बेटी बीमार है. अगले दिन माता-पिता गुरुकुल पहुंचे तो बताया गया कि बेटी पर भूत-प्रेत का साया है जिसे आसाराम ही ठीक कर सकता है. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से जोधपुर में मिला. मुकदमे में दायर चार्जशीट के अनुसार आसाराम ने 15 अगस्त को 16 वर्षीय पीड़िता को 'ठीक' करने के बहाने से अपनी कुटिया में बुलाकर बलात्कार किया.
बहरहाल, बलात्कार के मामले में इंसाफ हो चुका है. सत्य की जीत हुई है झूठ सबके सामने बेनकाब हो गया है. उम्मीद है कि इस तरह के मामले उन लोगों की आंखें जरूर खोलेंगे जो अंध भक्ति के नाम पर अपना सबकुछ गंवा देने के लिए तैयार हो जाते हैं. वहीं, ऐसे लोगों को भी सबक मिलेग जो अपने फायदे के लिए लोगों की मासूमियत के साथ खिलवाड़ करते हैं.
VIDEO: आसाराम दोषी करार
नाबालिग से रेप केस में आसाराम समेत तीन दोषी करार
चाय बेचता था असाराम
आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी है. उसका जन्म 17 अप्रैल, 1941 को बिरानी नाम के गांव में हुआ था. अब ये गांव पाकिस्तान में आता है. बंटवारे के बाद आसाराम भी अपने परिवार के साथ भारत आ गया. पिता की मौत के बाद आसाराम ने मजिस्ट्रेट ऑफिस के सामने कुछ समय तक चाय भी बेची. आसाराम 15 साल की उम्र में ही घर से भागकर आश्रम चला गया था. किसी तरह उसके घरवाले उसे वापस लाए और उसकी शादी लक्ष्मी देवी से करवा दी. लक्ष्मी देवी से उसके दो बच्चे हुए नारायण साईं और भारती देवी.
इस तरह मशहूर हुआ आसाराम
लीलाशाह उसके आध्यात्मिक गुरु थे और उन्होंने ही उसका नाम असुमल से आसाराम रखा. अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर साबरमती नदी के किनारे मुटेरा कस्बे में उसने अपनी पहली कुटिया बनाई. शुरुआत में गुजरात के ग्रामीण इलाके के लोग उसका भजन-कीर्तन सुनने आया करते थे. लोगों को लुभाने के लिए वो इलाज और मुफ्त दवाओं का प्रलोभन देता था. यही नहीं भजन-कीर्तन के बाद प्रसाद के नाम पर फ्री में खाना भी बांटा जाता था. इन सब वजहों से आसाराम को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आने लगे. धीरे-धीरे प्रभाव बढ़ने के साथ उसका नाम गुजरात के बाहर देश के दूसरे इलाकों में भी मशहूर होने लगा.
10 हजार करोड़ का मालिक है आसाराम
आसाराम ने अपने बेटे नारायण साईं के साथ मिलकर देश-विदेश में अपने 400 आश्रमों का साम्राज्य खड़ा किया. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आसाराम की प्रॉपर्टी की कुल कीमत 10 हजार करोड़ रुपये बताई गई है. इसकी जांच फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है. इस जांच में आश्रम निर्माण के लिए गलत तरीके से जमीन हड़पने के मामले भी शामिल हैं.
पीड़िता के पिता ने कहा, न्याय मिला...अब कड़ी सजा की उम्मीद
आसाराम का राजनीतिक रसूख
आसाराम की वेबसाइट के अनुसार दुनिया भर में उसके चार करोड़ अनुयायी हैं. यही वजह है कि एक समय में आसाराम का राजनीतिक रसूख भी अच्छा खासा था. 1990 से लेकर 2000 तक बीजेपी के कई बड़े नेता उसके भक्त थे. इन भक्तों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और नितिन गडकरी शामिल हैं. यही नहीं बीजेपी सरकार के कई वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री भी उसके भक्त हैं. इनमें शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह, प्रेम कुमार धूमल और वसुंधरा राजे का नाम है. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तो कई बार खुलेआम आसाराम का बचाव कर चुकी हैं.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ बीजेपी नेता ही आसराम के भक्त रहे हैं. कई कांग्रेसी नेता भी आसराम के दरबार में मत्था टेक चुके हैं. इनमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और मोतीलाल वोरा जैसे कई वरिष्ठ कांग्रेसी शामिल हैं.
जब भर गया आसाराम के पाप का घड़ा
वो कहते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाता है तब कोई साथ नहीं देता. आसराम के साथ भी ठीक वैस ही हुआ. जैसे-जैसे आसाराम के काले कारनामे दुनिया के सामने आने लगे वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियों और नेताओं ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी. साल 2008 में आसाराम के मुटेरा आश्रम में दो बच्चों की हत्या का मामले सामने आया. 2012 में पुलिस ने आश्रम के 7 कर्मचारियों पर गैर-इरादतन हत्या के आरोप तय किए. मामला अहमदाबाद के सत्र न्यायालय में लंबित है.
कोई था गार्ड, किसी के चलते थे बीयर बार, जानिए 14 बाबाओं की कहानी
फिर साल 2013 में आसाराम के खिलाफ नाबालिग लड़की के साथ रेप का मामला दर्ज किया गया. पीड़ित लड़की का परिवार आसाराम का भक्त था. लड़की भी उसी के आश्रम में पढ़ती थी. यहां तक कि लड़की के पिता ने अपने खर्च पर शाहजहांपुर में आसाराम का आश्रम भी बनवाया था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को फोन आया और उन्हें बताया गया कि उनकी 16 साल की बेटी बीमार है. अगले दिन माता-पिता गुरुकुल पहुंचे तो बताया गया कि बेटी पर भूत-प्रेत का साया है जिसे आसाराम ही ठीक कर सकता है. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से जोधपुर में मिला. मुकदमे में दायर चार्जशीट के अनुसार आसाराम ने 15 अगस्त को 16 वर्षीय पीड़िता को 'ठीक' करने के बहाने से अपनी कुटिया में बुलाकर बलात्कार किया.
बहरहाल, बलात्कार के मामले में इंसाफ हो चुका है. सत्य की जीत हुई है झूठ सबके सामने बेनकाब हो गया है. उम्मीद है कि इस तरह के मामले उन लोगों की आंखें जरूर खोलेंगे जो अंध भक्ति के नाम पर अपना सबकुछ गंवा देने के लिए तैयार हो जाते हैं. वहीं, ऐसे लोगों को भी सबक मिलेग जो अपने फायदे के लिए लोगों की मासूमियत के साथ खिलवाड़ करते हैं.
VIDEO: आसाराम दोषी करार
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