झारखंड: खूंटी गैंगरेप मामले में पार हुई थी दरिंदगी की हद, पुलिस ने 2 को किया गिरफ्तार

मंगलवार को झारखंड के खूंटी जिले में एक नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान पांच महिलाओं को अगवा कर उनके साथ गैंगरेप किये जाने के मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों की पहचान कर ली है

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प्रतीकात्मक तस्वीर
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मंगलवार को महिलाओं से हुआ था रेप.
पुलिस ने दो को किया गिरफ्तार.
झारखंड के खूंटी जिले का है मामला.
रांची: झारखंड के खूंटी गैंगरेप मामले की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है. मंगलवार को झारखंड के खूंटी जिले में एक नुक्कड़ नाटक के मंचन के दौरान पांच महिलाओं को अगवा कर उनके साथ गैंगरेप किये जाने के मामले में पुलिस ने सभी आरोपियों की पहचान कर ली है. शनिवार को राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की घोषणा की. गैंगरेप को लेकर सीनियर पुलिस ऑफिसर एडीजी आरके मलिक ने कहा कि 6 में से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है. बता दें कि खूंटी के एक एनजीओ की टीम मानव तस्करी के ख़िलाफ़ नाटक कर रही थी, जिस दौरान इन्हें अगवा कर इनके साथ गैंगरेप के वारदात को अंजाम दिया. 

झारखंड की राजधानी रांची से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर एक स्कूल में जागरूकता अभियान के दौरान जनजातीय बहुल इलाके खूंटी में गुरुवार को छह लोगों ने 11 सदस्यीय समूह का अपहरण कर लिया था, जिसमें पांच महिलाएं शामिल थीं. इन्हें स्कूल से करीब 30 मिनट की दूरी पर एक घने जंगल में ले जाया गया, जहां 25 से 35 साल के उम्र की पांचों महिलाओं के साथ बारी-बारी से गैंगरेप हुआ. 

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घटना की विस्तार जानकारी जब सामने आई, तो वाकया काफी हैरान करने वाला और डरावना था. बलात्कारियों ने न सिर्फ गैंगरेप किया, बल्कि हैवानियत की सारी हदें पार कर दी. गैंगरेप करने के बाद वे महिलाओं पर जुल्म ढाते रहे. हैवानियत की हद तो तब पार हो गई, जब रेप करने के बाद भी उन हैवानों ने महिलाओं के शरीर के अंदर लकड़ी, पिस्टल आदि डाले. इस खौफनाक हादसे की आपबीती एक महिला ने स्थानीय अखबार दैनिक भास्कर को बताया. 

एडीजी मलिक ने उन लोगों के बारे में कहा कि यह सिर्फ यह जुनून का अपराध नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों ने घटना के वीडियो भी बनाए और तस्वीरें भी लीं. उन्होंने कहा कि यह उन्हें एक सबक सिखाने की साजिश थी. 

झारखंड के एडीडी आरके मलिक ने कहा कि 'फादर अल्फोंस ने नन को छोड़ने को कहा तो उन्होंने उसे छोड़ दिया. मगर जब पीड़िता ने गुहार लगाई तो फादर ने कहा कि जाओ ये लोग थोड़ी देर में छोड़ देंगे. उसके बाद ये 6 लोग इन्हें जंगल की ओर ले गये. तीन लोगों ने और सदस्यों को गाड़ी में रोके रखा, और तीन लोगों ने इन सभी पीड़िताओं के साथ बलात्कार किया, तस्वीरें उतारी, वीडियो भी बनाया. उसके बाद जो गाड़ी में मेल मैंबर्स थे, उन्हें कहा गया कि तुम लोग अपने हाथ में पेशाब करो और इन्हें पिलाओ.'

आरके मलिक ने पीड़िताओं के हवाले से कहा अपराधी यह कह रहे थे कि यह इस एरिया में पत्थलगढ़ी के खिलाफ प्रचार करने की सजा है. अब तुम लोग दोबारा इस एरिया में नहीं आओगे. बता दें कि महिलाओं के साथ करीब चार घंटे तक उन 6 बलात्कारियों ने गैंगरेप किया और उन लोगों ने महिलाओं को पेशाब पीने पर भी मजबूर किया. 

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गौरतलब है कि यह मामला मंगलार शाम को खूंटी के एर्की कोचांग का है. जहां 11 सदस्यीय टीम मानव तस्करी के खिलाफ एक नुक्‍कड़ नाटक पेश करने पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि हथियारों से लैस कुछ लोग वहां आए और उन्‍होंने पुरुषों की पिटाई की और उसके बाद बंदूक की जोर पर लड़कियों को अपने साथ ले गए. बताया जा रहा है कि लड़कियों के साथ दो नन भी मौजूद थी जिनकों बिना किसी नुकसान पहुंचाए छोड़ दिया गया है. वहीं पीड़ित लड़कियों को तीन घंटे बाद जंगल में छोड़ दिया गया. 

क्षेत्रीय रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें शामिल लोग पाथलगदी के समर्थक हैं. यह एक जनजातीय व्यवस्था है, जिसके तहत लोग जनजाति के नियमों के अनुसार स्वयं को नियंत्रित करते हैं और राज्य के अधिकार को नहीं मानते हैं. इन गांवों में बाहरी लोगों की अनुमति नहीं होती है. 

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