खुद को बिजली कंपनी का अधिकारी बताकर करते थे उगाही, पुलिस के हत्थे चढ़ा

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाश मल्होत्रा ने राजीव मोहित, प्रदीप और राकेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि चार व्यक्तियों ने कथित तौर पर बीएसईएस प्रवर्तन के अधिकारियों के रूप में फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी लोगों के घरों पर फर्जी छापेमारी करके उनसे पैसों की उगाही करते हैं.

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राजधानी दिल्ली में बिजली वितरण कंपनी BSES के फर्जी अधिकारी बनकर कर रहे थे ठगी. तस्वीर: प्रतीकात्मक
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  • बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के डीजीएम ने की थी शिकायत
  • खुद को बिजली कंपनी का अधिकारी बताते थे ठग
  • घरों में घुसकर लगाते थे आरोप, ऐंठते थे मोटी रकम
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नई दिल्ली: बिजली वितरण कंपनी के कथित तौर पर फर्जी अधिकारी बनकर लोगों के घरों से पैसों की उगाही करना चार व्यक्तियों को भारी पड़ गया. दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है. पुलिस ने चारों व्यक्तियों को बीएसईएस के अधिकारी बनकर लोगों के घरों पर छापेमारी कर पैसे उगाहने के आरोप में गिरफ्तार किया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाश मल्होत्रा ने राजीव मोहित, प्रदीप और राकेश को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि चार व्यक्तियों ने कथित तौर पर बीएसईएस प्रवर्तन के अधिकारियों के रूप में फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया था. पुलिस ने आरोप लगाया कि आरोपी लोगों के घरों पर फर्जी छापेमारी करके उनसे पैसों की उगाही करते हैं.

अदालत ने कहा कि आरोप गंभीर है. फर्जी पहचान पत्रों को पुलिस पहले ही जब्त कर चुकी है. अदालत ने कहा कि पहली नजर में यह स्पष्ट है कि आरोपियों ने बीएसईएस अधिकारी बनकर लोगों को धोखा दिया और पैसों की उगाही की.

बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के डीजीएम महेश कुमार की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी जिसमें कहा गया है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि 17 मई को कुछ व्यक्ति मध्य दिल्ली के न्यू राजेंद्र नगर इलाके में बीएसईएस प्रवर्तन दल बनकर आएंगे.

प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि आरोपी बिजली चोरी या मीटर के साथ छेड़छाड़ को लेकर छापेमारी के बहाने से घर में घुसेंगे और बीएसईएस अधिकारी बनकर पैसें एठेंगे.

शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी टीम मौके पर गई और पाया कि चार व्यक्ति एक घर के मीटर बक्से की जांच कर रहे थे. पहचान पत्र मांगने पर उनके पहचान पत्र फर्जी दिखे. जब आरोपी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो बीएसईएस की टीम ने पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने पूछताछ के बाद चारों को गिरफ्तार कर लिया था.
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