मुंबई में दिवाली के दिन पटाखों से ध्वनि प्रदूषण बीते 15 साल में सबसे कम

एनजीओ का दावा, शोर के कम स्तर का श्रेय राज्य सरकार द्वारा पटाखा जलाने के लिए जारी सख्त दिशानिर्देशों और नागरिकों के बीच बढ़ती जागरूकता को

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प्रतीकात्मक फोटो.
मुंबई:

दिवाली उत्सव के पहले दिन शनिवार को पटाखे जलाने की निर्धारित अवधि के दौरान मुंबई में पटाखों से होने वाला ध्वनि प्रदूषण गत 15 साल में सबसे निचले स्तर पर रहा. यह दावा एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने किया है. आवाज फाउंडेशन संस्थापक सुमैरा अब्दुलाली ने ‘पीटीआई-भाषा' से रविवार को कहा कि शोर के कम स्तर का श्रेय राज्य सरकार द्वारा पटाखा जलाने के लिए जारी सख्त दिशानिर्देशों और नागरिकों के बीच बढ़ती जागरूकता को जाता है.

अब्दुलाली ने कहा, ‘‘ इस वर्ष दिवाली पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर पिछले 15 सालों में सबसे कम दर्ज किया गया.'' एनजीओ ने बयान में कहा कि ध्वनि प्रदूषण का स्तर शनिवार रात आठ बजे से रात 10 बजे और उसके बाद रविवार सुबह तक दर्ज किया गया.

आवाज फाउंडेशन ने कहा, ‘‘पटाखा जलाने के लिए तय अधिकतम समय रात 10 बजे तक शहर में ध्वनि नियंत्रित क्षेत्र (साइलेंस जोन) घोषित शिवाजी पार्क मैदान में पटाखों से 105.5 डेसीबल शोर दर्ज किया गया. वर्ष 2010 में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा शिवाजी पार्क को ध्वनि नियंत्रित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद पहली बार यहां पर दिवाली को पटाखे छोड़े गए.'' एनजीओ ने कहा, मुंबई में पटाखों से अधिकतम आवाज वर्ष 2019 में 112.3 डेसिबिल थी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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