नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के दो अवैध टावरों को गिराने के लिए सुपरटेक ने मुंबई की एक कंपनी का चयन किया है. कंपनी ने नोएडा प्राधिकरण से प्रदूषण एवं पर्यावरण संबंधी अनुमति मांगी है. यह जानकारी सुपरटेक के प्रबंध निदेशक आर के अरोड़ा ने दी. उन्होंने बताया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) व नोएडा प्राधिकरण की देखरेख में टावर गिराने का कार्य इस क्षेत्र की विशेषज्ञ कंपनी एडिफाइस इंजीनियरिग द्वारा किया जाएगा.
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में बिल्डर को 17 जनवरी तक किसी कंपनी से करार कर जवाब देने के लिए कहा था.
सुपरटेक के बयान के मुताबिक, जिस कंपनी को चयनित किया गया है वह दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में 108 मीटर ऊंची इमारत को ध्वस्त कर चुकी है. इस इमारत की दूसरी इमारत से दूरी आठ मीटर थी जोकि काफी पेचीदा काम था. यहां भी ऐसी ही स्थिति है. सियान और एपेक्स दोनों टावरों की ऊंचाई 100 मीटर है और अन्य टावर से दूरी नौ मीटर है.
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