- दिल्ली में ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में भी पॉल्यूशन लगातार बढ़ता जा रहा है
- राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स आज सुबह 386 दर्ज हुआ जो बहुत खराब श्रेणी में आता है
- दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में वजीरपुर और रोहिणी जैसे क्षेत्रों का AQI 400 से ऊपर पहुंचा
देश की राजधानी दिल्ली की हवा में ठंड आते ही जहर घुलने लगता है. हालत ऐसे है कि लोगों का सांस लेना मुहाल हो जाता है. दिल्ली की हवा एक बार फिर गंभीर मोड में पहुंच चुकी है. सरकारी SAFAR और DPCC मॉनिटरिंग स्टेशनों के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, आज सुबह राजधानी का औसत AQI 386 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब (Very Poor)” श्रेणी में आता है. कई इलाकों में हालात और भी भयावह हैं जहां AQI 400 के पार जा चुका है. दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ते एक्यूआई को देखते हुए, सीएक्यूएम ने ग्रैप के तीसरे चरण को लागू किया है, जिसके निर्माण गतिविधि और वाहनों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाने पड़े हैं.
कौन–कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रदूषित?
मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिली रियल–टाइम रीडिंग के मुताबिक—
400+ (Severe के करीब)
| इलाका | AQI |
| आईटीओ | 416 |
| जहांगीरपुरी | 416 |
| रोहिणी | 417 |
| वजीरपुर | 443 |
| आनंद विहार | 419 |
| वजीरपुर | 443 |
| आनंद विहार | 419 |
| सोनिया विहार | 407 |
| करणी सिंह शूटिंग रेंज | 386 |
कुल प्रदूषण स्तर में पिछले तीन दिनों का ट्रेंड
- 12 नवंबर – 418 (Severe के करीब)
- 13 नवंबर – 404
- 14 नवंबर – 387
- आज – 386
लगातार चार दिन से दिल्ली का AQI Very Poor से Severe की सीमा पर बना हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार इस लेवल पर हवा में मौजूद PM2.5 कण फेफड़ों में गहराई तक पहुंच जाते हैं.
- सांस फूलना
- आंख और गले में जलन
- अस्थमा का अटैक
- बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं पर सबसे ज्यादा असर
- लंबे समय तक एक्सपोज़र फेफड़ों की क्षमता घटा सकता है
राजधानी की आबोहवा क्यों जहरीली
मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से प्रदूषक जमीन के करीब ही फंसे हुए हैं. हल्की हवाओं और गिरते तापमान ने एक ‘इनवर्जन' परत बना दी है, जो प्रदूषकों के फैलाव को रोकती है. हवाओं के तेज होने की उम्मीद थी लेकिन रफ्तार लगभग पांच-सात किलोमीटर प्रति घंटा से कम रही। रात में हवाएं ना चलने से परिस्थिति और खराब हो जाती है. डीएसएस के आंकड़ों से पता चला है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 सांद्रता में पराली जलाने का योगदान लगभग 12 प्रतिशत था. जो पिछले दिन 22.4 प्रतिशत से कम था और इस मौसम का उच्चतम हिस्सा था.
प्रदूषण की वजह से ये पाबंदियां लागू
हालांकि सुबह उत्तर-पश्चिमी हवाएं बाद में पश्चिमी हो गईं, जिससे पंजाब और हरियाणा से धुएं का प्रवेश कम हुआ, फिर भी सैटेलाइट इमेजरी में भारत-गंगा के मैदानों में घनी धुंध छाई हुई दिखी. ग्रैप के तहत तीसरे चरण के प्रतिबंध पहले से ही लागू हैं. इसके चलते एनसीआर में निर्माण गतिविधियां रोक दी गई हैं और पुराने बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल चौपहिया वाहनों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में चलने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा पांच तक) को भी अगले आदेश तक हाइब्रिड मोड में कक्षाएं जारी रखने का निर्देश दिया गया है.













