ज्यादातर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करें और अच्छे अंको के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करें, जिससे उसका भविष्य अच्छा हो, नौकरी के अच्छे अवसर मिले. पर जब बचूं के अच्छे अंक नहीं आते हैं तब बच्चे निराश हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि अब उन्हें जीवन में अच्छा अवसर नहीं मिलेगा. अवनीश शरण एक आईएएस अधिकारी हैं उनकी कहानी सुनकर आप भरोषा नहीं कर पाएंगे कि बोर्ड परीक्षा में इतना काम नंबर पाने वाला इंसान सफल कैसे हो सकता है और देश की सबसे कठिन माने जानी वाली आईएएस जैसी परीक्षा को कैसे क्रैक कर सकता हैं. छात्रों और नौजवानो को अवनीश शरण (Awanish Sharan) से प्रेरणा लेनी चाहिए कि जब जोश, जज्बा और जुनून हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है.
My 10th Marksheet. pic.twitter.com/jmYkMohzWf
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) July 6, 2022
अवनीश शरण से युवाओं को लेनी चाहिए इंस्पिरेशन
अवनीश शरण 2009 बैच छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, जो सोशल मीडिया यूजर्स को अविश्वसनीय पोस्ट के साथ चौकाने में कभी विफल नहीं होते हैं और इंटरनेट पर इनकी बेहद प्रशंसा भी की जाती है. इस बार अवनीश शरण (Awanish Sharan) ने ट्विटर पर अपनी 10वीं की मार्कशीट की एक तस्वीर शेयर की है. जिससे यह खबर सुर्ख़ियों में है.
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शेयर किए गए मार्कशीट को देखकर पता चलता है कि उन्होंने 1996 में बिहार बोर्ड से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इससे यह भी पता चलता है कि उन्होंने परीक्षा में 700 में से 314 अंक प्राप्त किए जो कुल 44.85 प्रतिशत होता है. इतने कम अंक प्राप्त करने के बाद भी उन्होने हार नहीं मानी और ना हीं निराश हुए और यूपीएससी परीक्षा देने का कठिन निर्णय लिया. लगन और पुरजोर मेहनत के बाद उन्होंने वो कर दिखाया जो दूसरों के लिए बस सपने जैसा था.
यूजर्स ऐसे कर रहे थे रिएक्ट
शेयर किए जाने के बाद से इस पोस्ट को हजारों लोगो ने लाइक और रीट्वीट किया. कई यूजर्स इस पोस्ट से प्रेरित हुए, लेकिन इस पोस्ट ने उन्हें अवनीश शरण (Awanish Sharan) से सवाल करने के लिए भी प्रेरित किया कि कम अंक होने के बावजूद उन्होंने संघ लोक सेवा परीक्षा (यूपीएससी) को कैसे और क्यों चुना.
एक यूजर ने लिखा, 'आपको पता नहीं है सर आप मेरे जैसे युवाओं को कितना प्रेरित करते हैं, मैं जब कभी उदास हो जाता हूं तो आप जैसे लोगों के बारे में पढ़ता हूं जो मुझे जीवन में संघर्ष करने की शक्ति मिलती हैं.
उसी साल 10वीं की परीक्षा पास करने वाले एक दूसरे यूजर ने लिखा, ''1996 में उसी परीक्षा में मुझे 65% अंक मिले थे और उस समय मुझे बहुत दुख हुआ था क्योंकि मेरे स्कूल के टॉपर ने 75% से अधिक अंक प्राप्त किए थे. आज मुझे लगता है, इसका कोई मूल्य नहीं है. टॉपर और मेरे बिच सफलता के मामले में कोई ज्यादा अंतर नहीं है.”
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हाल ही में एक ट्वीट में, उन्होंने यूपीएससी के लिए अध्ययन करते हुए अपनी पसंदीदा पुस्तक से एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें किताब के दो पन्नों पर पेन से कई लाइन और सर्कल बने हुए थे.
कैप्शन में लिखा था, "मेरे भाई ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान मेरी पसंदीदा किताब के पन्ने मुझे शेयर किए हैं".
My brother shared the pages of my favourite book during UPSC preparation.❤️ pic.twitter.com/hkF5d0D7Lj
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) July 4, 2022