उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सुझाव दिया, विश्वविद्यालय के छात्रों को नारी निरंकारी और जेलों का दौरा करना चाहिए ताकि उन परिस्थितियों को समझा जा सके जिनके तहत कैदियों ने अपराध किए और भविष्य में उनसे बचें.
"विश्वविद्यालयों को बच्चों को सामाजिक सरोकारों के बारे में शिक्षित करना चाहिए . राज्यपाल ने एक बयान के अनुसार कहा, जेलों और नारी निकेतनों में छात्रों की यात्रा की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उन्हें पता चल सके कि उन्होंने (कैदियों) किन परिस्थितियों में अपराध किए और जेल में आए.
राज्यपाल ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, जब छात्रों को इस प्रकार का अनुभव मिलेगा तो वे अपराध करने से बचेंगे और हमारी अगली पीढ़ी स्वस्थ और मजबूत मानसिकता के साथ आगे बढ़ेगी.
सभी छात्राओं का रक्त परीक्षण कराने के लिए कुलपति को निर्देश देते हुए पटेल ने कहा, हमें अपनी बेटियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना होगा.
इसलिए उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए हर संभव उपाय करें. "दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय के लिए एक विशेष अवसर है, लेकिन डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए यह भी एक महत्वपूर्ण क्षण है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस इच्छा के साथ छात्रों को डिग्री प्रदान करता है कि मानव संसाधन ने बनाया है अब राष्ट्र की प्रगति में सकारात्मक योगदान देगा.