यूजीसी नीट और जेईई परीक्षाओं को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में कर सकता है शामिल, यहां जानिए डिटेल

क्या NEET और JEE अब बीते दिनों की बात हो जाएंगी. क्या देश में केवल वन एंट्रेंस टेस्ट होगा. क्या नीट और जेईई को सीयूईटी में शामिल किया जाएगा. क्या सीयईटी देश का सबसे बड़ा एंट्रेंस एग्जामिनेशन हो जाएगा, जैसी तमाम बातें कुछ दिनों से खबरों में आ रही हैं.

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यूजीसी वन एंट्रेंस एग्जाम फॉर ऑल की सोच रहा, NEET और JEE क्या सीयूईटी में होगा शामिल  
नई दिल्ली:

देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी, NEET और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की परीक्षा JEE को लेकर मीडिया में जो खबरें आ रही हैं, उससे लगता है कि नीट और जेईई अब बीते दिनों की बात हो जाएंगी. जिस तरह यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने इस साल वन एग्जाम फॉर वन नेशनल के तर्ज पर कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) की घोषणा की थी, वैसे ही नीट और जेईई के लिए वन एंट्रेंस एग्जामिनेशन ला सकता है. खबरों की मानें तो यूजीसी नीट और जेईई परीक्षाओं को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी में शामिल कर सकता है. ऐसा करने के साथ ही सीयूईटी देश में सभी तरह के कोर्सों में एडमिशन पाने के लिए एक प्रवेश परीक्षा बन जाएगी. यूजीसी के अध्यक्ष, प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने एक मीडिया संस्थान को बताया है कि आयोग एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है जो सीयूईटी में मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं को एकीकृत करेगा. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि एक छात्र को एक ही विषय में दक्षता साबित करने के लिए अलग-अलग परीक्षाओं में शामिल होना चाहिए.

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देश में मेडिकल और डेंटल साइंस में प्रवेश पाने के लिए पीसीबी ग्रुप के 12वीं के छात्रों को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पास करना होता है, वहीं देश के प्रतिष्ठित आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए पीसीएम ग्रुप के 12वीं के छात्रों को ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन पास करना होता है. वहीं देश के 40 से भी अधिक सेंट्रल यूनिवर्सिटी और विश्वविद्यालयों के कॉमर्स, साइंस और ह्यूमनिटीज विषयों के अंडर ग्रेजुएट कोर्सों में एडमिशन पाने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट देना होता है. यदि यूजीसी प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है तो 12वीं पास सभी स्ट्रीम के छात्रों को केवल एक ही परीक्षा में बैठने की आवश्यकता होगी. इस एंट्रेंस एग्जामिनेशन में प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों का एडमिशन विभिन्न स्ट्रीम में हो सकेगा. उच्च शिक्षा नियामक इस संभावना पर विचार कर रहा है. 

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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो देश में विभिन्न एंट्रेंस एग्जामिनेशन का आयोजन करता है, उसके लिए वन एंट्रेंस फॉर ऑल का आयोजन करना आसान हो जाएगा. वहीं छात्रों के लिए एक ही प्रवेश परीक्षा को पास करने का प्रेशर, तैयारी और उन्हें एक ही एंट्रेंस एग्जाम के लिए एक ही शहर के परीक्षा केंद्र पर जाना होगा. फिलहाल इसपर कब तक निर्णय होगा, इसपर कुछ कहना मुश्किल है. अगर यह प्रस्ताव मंजूर कर लिया जाता है, तो बता दें कि इस परीक्षा के सीबीटी मोड में आयोजित करने की संभावना है. परीक्षा साल में दो बार हो सकती है. छात्रों को एक ही साल में एंट्रेंस परीक्षा में दो बार बैठने का मौका मिल सकता है. 

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