उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के लिए इस साल का गणतंत्र दिवस बेहद खास और ऐतिहासिक होगा. इस दिन एएमयू (AMU) के 100 साल के शानदार सफर को संजोए एक दस्तावेज से युक्त इस 'टाइम कैप्सूल' को विश्वविद्यालय परिसर में जमीन के अंदर रखा जाएगा.
एएमयू के प्रवक्ता राहत अबरार ने रविवार को बताया कि जिस दस्तावेज को टाइम कैप्सूल (काल पात्र) में रखा जाएगा, उसे विद्वानों के एक समूह ने तैयार किया है. इस दस्तावेज में वर्ष 1920 में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में तब्दील होने के बाद के यादगार सफर को इबारत की शक्ल दी गई है.
उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ टन वजन के इस स्टील निर्मित कैप्सूल को विश्वविद्यालय परिसर के हृदय स्थल माने जाने वाले विक्टोरिया गेट के सामने 30 फीट की गहराई में रखा जाएगा. अबरार ने बताया कि एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के सूत्रधार होंगे.
वर्ष 1877 में सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज के वजूद में आने के बाद भी ऐसा एक कैप्सूल कॉलेज परिसर में गाड़ा गया था. उसमें भी इस संस्थान की स्थापना से जुड़े इतिहास के दस्तावेज रखे गए थे. वर्ष 1920 में इस कॉलेज को संसद द्वारा कानून बनाकर विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. हालांकि एएमयू प्रशासन ने यह स्पष्ट्ट नहीं किया कि इससे पहले गाड़े गए कैप्सूल को बाहर निकाला जाएगा या नहीं.