Maharashtra SSC Exam: बंबई उच्च न्यायालय ने 10वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करने को लेकर बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र सरकार को जमकर फटकार लगाई और कहा कि वह शिक्षा व्यवस्था का मजाक बना रही है. न्यायमूर्ति एस जे कथावल्ला और न्यायमूर्ति एसपी तावडे की खंडपीठ ने पूछा कि राज्य बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को क्यों खारिज न किया जाए.
पीठ धनंजय कुलकर्णी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से 10वीं कक्षा की माध्यमिक स्कूल प्रमाण पत्र (एसएससी) परीक्षा को अप्रैल में रद्द करने के सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.
सरकारी वकील पी बी ककडे ने कहा कि सरकार ने परीक्षा नहीं लेने की वजह से छात्रों का मूल्यांकन करने के लिए कोई फार्मूला तय नहीं किया है और इस बाबत दो हफ्तों में फैसला कर लिया जाएगा.
न्यायमूर्ति कथावल्ला ने कहा, “ आप शिक्षा व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं." पीठ ने यह भी कहा कि सरकार महामारी के नाम पर छात्रों का भविष्य और करियर बर्बाद नहीं कर सकती है.
अदालत ने कहा, “ क्या आप बिना परीक्षा के छात्रों को प्रोन्नत करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हां तो इस राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ईश्वर ही बचाए. 10वीं कक्षा अहम वर्ष होता है और इस लिए परीक्षा भी महत्वपूर्ण होती है.”
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ विद्यार्थी हमारे देश और राज्य का भविष्य हैं और उन्हें हर साल बिना परीक्षा दिए प्रोन्नत नहीं किया जा सकता है. हम सिर्फ इस बारे में चिंतित हैं.”