अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों के लिए 9वीं के छात्र ने बनाया स्मार्ट रिस्टबैंड, मिला बाल शक्ति पुरस्कार

हेमेश ने बताया "मैं पहले छोटे रोबोट और कार बनाता था और फिर अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली समस्याओं को पहचानने लगा. इसलिए, मैंने ऐसे इनोवेशन करने शुरू किए, जो देश की मदद करेंगे," उन्होंने कहा, वह भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से बहुत प्रेरित हूं."

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हेमेश चल्दावदा
नई दिल्ली:

हैदराबाद के कक्षा 9वीं के छात्र हेमेश चल्दावदा को इस साल अपने यूनिक इनोवेशन के लिए बाल शक्ति पुरस्कार पुरस्कार से सम्मानित किया है. उन्होंने बुजुर्गों और विकलांगों पर नजर रखने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड बनाई है. जो काफी उपयोगी है.

हेमेश  ने बताया, उनका सफर, छोटे रोबोट और कारों के साथ शुरू हुआ था, , जिसके बाद उन्होंने दिन-प्रतिदिन की समस्याओं के समाधान को पहचानना और विकसित करना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा, "मैं पहले छोटे रोबोट और कार बनाता था और फिर अपनी रोजमर्रा की  जिंदगी में होने वाली समस्याओं को पहचानने लगा.  इसलिए, मैंने ऐसे इनोवेशन करने शुरू किए, जो देश की मदद करेंगे," उन्होंने कहा, वह  भारत के  11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से बहुत प्रेरित हूं."

इनोवेशन में 14 साल की गहरी दिलचस्पी ने उन्हें कई दिलचस्प गैजेट्स बनाने के लिए प्रेरित किया. अपनी बुजुर्ग दादी को अल्जाइमर से पीड़ित देखकर उन्होंने बुजुर्गों और विकलांगों की निगरानी के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड का आविष्कार करने के लिए प्रेरित किया.

उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को बताया- "दुनिया में हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति अल्जाइमर रोग विकसित करता है. यह भूलने की बीमारी के समान है जिसमें रोग स्मृति और अन्य मस्तिष्क कार्यों को नष्ट कर देता है. मेरी दादी इस बीमारी से पीड़ित कई लोगों में से एक थीं. वह कई बार बिना बताए घर से दूर चली जाती थी और रास्ता भूल जाती थी.

ऐसे में मैंने कलाईबैंड बनाया जो रोगी की स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कि पल्स दर, शरीर के तापमान पर नज़र रखता है और एक मोबाइल ऐप के माध्यम से रोगी पर नजर रखता है, ताकि वह कहीं भटके ना.

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देखभाल करने वाले को सचेत करता है यदि रोगी भटकना शुरू कर देता है," उन्होंने कहा, मोबाइल ऐप रोगी के महत्वपूर्ण आंकड़ों को भी प्रदर्शित करता है और उन्हें संबंधित चिकित्सक को भेजता है.

"मेरी महत्वाकांक्षा ऐसी अधिक परियोजनाओं और उपकरणों को बनाने और उनका इनोवेशन करने की है जो देश के लिए मददगार हों. मैं इस पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए बहुत खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. हालांकि मुझे पहले भी कई पुरस्कार मिले हैं, यह मेरे लिए बहुत खास है. मेरे कौशल को पहचाना और मुझे लगता है कि यह पुरस्कार मेरी भविष्य की परियोजनाओं और नवाचारों को बढ़ावा देने वाला है,"

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