CBSE बोर्ड और ICSE बोर्ड में क्या है अंतर, दोनों में से कौन सा बोर्ड बेहतर, स्टेट बोर्ड इनसे कैसे है अलग

CBSE, ICSE Board And State Board: सीबीएसई बोर्ड (CBSE) देश में सबसे लोकप्रिय बोर्ड है, हर साल इस बोर्ड से 30 से 35 लाख बच्चे बोर्ड की परीक्षा में भाग लेते हैं. वहीं आईसीएसई बोर्ड के पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी कम नहीं है. देश में सीबीएसई बोर्ड के एफिलिएटेड स्कूलों की संख्या बहुत अधिक है.

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नई दिल्ली:

Difference Between CBSE, ICSE Board And State Board: सीबीएसई बोर्ड (CBSE) देश में सबसे लोकप्रिय बोर्ड है, हर साल इस बोर्ड से 30 से 35 लाख बच्चे बोर्ड की परीक्षा में भाग लेते हैं. सीबीएसई बोर्ड के अलावा देश में आईसीएसई (ICSE) बोर्ड और स्टेट बोर्ड (State Board) भी है. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के स्कूल देशभर में हैं, वहीं स्टेट बोर्ड के स्कूल एक राज्य में होते हैं. दोनों-तीनों बोर्ड के सिलेबस में अंतर होता है. भारत में सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों की संख्या काफी अधिक है. 

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सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड का अंतर

सीबीएसई बोर्ड का फुल फॉर्म केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड होता है, यह बोर्ड केंद्र सरकार के अधीन होता है. देशभर में भारत में सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की संख्या 27,000 से ज्यादा है. विदेश के 28 देशों में सीबीएसई से संबद्ध 240 स्कूल हैं. यह बोर्ड भारत सरकार द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय स्तर का शिक्षा बोर्ड है. देश में ज्यादातर प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड हैं. जो यह सार्वजनिक और निजी स्कूलों के लिए काम करता है. वहीं आईसीएसई एक निजी बोर्ड है, जिसका फुल फॉर्म इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन होता है. देश और विदेश में सीआईएससीई से संबंद्ध 2300 से अधिक स्कूल हैं.

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आईसीएसई और आईएससी

सीआईएससीई बोर्ड के दो भाग होते हैं- आईसीएसई और आईएससी. आईसीएसई यानी कक्षा 10वीं, इसका फुल फॉर्म  इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी स्कूल और आईएससी यानी कक्षा 12वीं, इसका फुल फॉर्म इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट होता है. इस बोर्ड से एफिलिएटेड सभी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई होती है, हालांकि सीबीएसई के हिंदी और इंग्लिश दोनों ही मीडियम में स्कूल होते हैं. 

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क्या होता है स्टेट बोर्ड

स्टेट बोर्ड भारत के हर राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के लिए अलग-अलग शिक्षा बोर्ड होता है. यह राजकीय स्तर की स्कूलों में सिलेबस और नीतियों को निर्धारित करता है. इन बोर्डों का काम, अपने राज्य की जरूरतों के हिसाब से सिलेबस तैयार करना और परीक्षाएं आयोजित करना होता है.

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किस बोर्ड की सिलेबस सबसे हल्का

सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड और तमाम स्टेट बोर्ड के सिलेबस एक दूसरे से अलग होते हैं. इन तीनों बोर्ड के सिलेबस में थोड़ा बहुत चेंज होता है. हालांकि सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस को आईसीएसई बोर्ड से हल्का माना जाता है. सीबीएसई बोर्ड का सिलेबस एनसीईआरटी के द्वारा तैयार किया जाता है जबकि आईसीएसई बोर्ड का सिलेबस काफी विस्तृत और कठिन होता है.

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नीट, जेईई के लिए कौन सा बोर्ड बेहतर

सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड ही नहीं स्टेट बोर्ड के साइंस स्ट्रीम के ज्यादातर छात्रों की चाहत आईआईटी जेईई और नीट परीक्षा को पास करने की होती है. जेईई मेन और नीट यूजी के लिए जैसी प्रवेश परीक्षाओं का सिलेबस सीबीएसई बोर्ड पर आधारित होती है. इसलिए सीबीएसई बोर्ड को अन्य बोर्ड से अच्छा माना जाता है.

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बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में

आईसीएसई बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड और तमाम स्टेट बोर्ड द्वारा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है और रिजल्ट की घोषणा की जाती है. पिछले एक दो साल से तीनों बोर्ड द्वारा फरवरी से मई तक बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है. 

20 लाख से अधिक बच्चे देते हैं बोर्ड

सीबीएसई बोर्ड में हर साल 30 लाख से अधिक बच्चे बोर्ड परीक्षा देते हैं, वहीं सीआईएसई बोर्ड में यह संख्य पांच लाख के अंदर होती है. स्टेट बोर्ड से भी हर साल लाखों बच्चे 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा देते हैं. इस साल आईसीएसई यानी कक्षा 10वीं की परीक्षा में 99.47 प्रतिशत जबकि आईएससी यानी सीआईएससीई कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 98.19 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं. 

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