31 दिसंबर 2020 को शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने CBSE 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के लिए तारीख की घोषणा कर दी है. COVID-19 महामारी को देखते हुए परीक्षा 4 मई को आयोजित की जाएगी और 10 जून तक चलेगी.
परीक्षा की तारीख जारी होने के बाद मिली जुली प्रतिक्रियाएं सरकार को मिली. पहले छात्रों और अभिभावकों को लग रहा था कि यदि परीक्षा फरवरी- मार्च में आयोजित की जाती है तो छात्रों को पेपर की तैयारी का समय नहीं मिलेगा, हालांकि अधिकांश छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने परीक्षा की तैयारी के लिए विस्तारित समय प्राप्त करने के बाद राहत की सांस ली है.
बता दें, प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन 1 मार्च से किया जाएगा. ऐसे में प्रैक्टिकल कक्षाओं की कमी, NEET 2021 और राज्य के अन्य स्कूल पेपर सहित प्रतियोगी मेडिकल परीक्षाओं के साथ क्लैश होने की संभावना है. ऐसे में अभिभावक स्कूलों को फिर से खोलने की स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं ताकि उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज मिल सके.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने 31 दिसंबर को एक ऑनलाइन सत्र में परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा की. सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 10 और 12 की परीक्षाएं 4 मई से 10 जून तक ऑफ़लाइन मोड में आयोजित की जाएंगी, जबकि प्रैक्टिकल पेपर 1 मार्च से शुरू होंगे और थ्योरी पेपर की शुरुआत तक जारी रह सकते हैं. सीबीएसई के परिणाम 15 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे.
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं पर सरकार के फैसले को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही थीं. 2021 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर चिंताएं हैं, क्योंकि परीक्षा की तारीख राज्य के चुनाव जैसे अन्य आयोजनों से टकरा सकती हैं.
कौशिक नाम के ट्विटर यूजर में से एक ने कहा, “पश्चिम बंगाल में चुनाव मई में निर्धारित हैं. आशा है कि उन तिथियों को तदनुसार समायोजित किया जाएगा. कृपया उन पर विचार करें ”
बरेली के केंद्रीय विद्यालय एनईआर में मैथ्स पढ़ाने वाली गंगवार ने कहा, “केवल अगर फिजिकल कक्षाएं फिर से शुरू होती हैं, तो यह स्थगन फायदेमंद साबित होगा. मई में परीक्षा आयोजित करने के प्रयास व्यर्थ होंगे यदि छात्रों को आमने-सामने बातचीत से प्रतिबंधित कर दिया जाए, ”