Bihar Government Teachers: बिहार शिक्षा विभाग ने निजी ट्यूशन लेने वाले सरकारी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है. शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) केके पाठक ने जिला मजिस्ट्रेटों को लिखे एक पत्र में उनसे अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी निजी कोचिंग सेंटरों से लिखित आश्वासन लेने को कहा कि "कोई भी सरकारी स्कूल का शिक्षक उनके संस्थानों में कक्षाएं नहीं लेगा". पत्र में कहा, "विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ सरकारी स्कूल के शिक्षक अपने संबंधित क्षेत्रों में निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं ले रहे हैं. इसपर तुरंत जांच की जानी चाहिए."
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शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इसके बाद भी, अगर कोई शिक्षक इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी और गलती नहीं होने के बावजूद निजी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी. विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मुख्यालय को उपलब्ध कराने को भी कहा है.
मैट्रिक और इंटर परीक्षाएं 10 जनवरी से
पत्र में कहा गया, 'शेड्यूल के मुताबिक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) कक्षा 10वीं, 12वीं प्रैक्टिकल और थ्योरी परीक्षाएं 10 जनवरी 2024 को शुरू करेगा. इसलिए इसलिए संबंधित अधिकारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्कूलों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करें.'
पत्र में आगे कहा गया, "बोर्ड परीक्षाओं के दौरान शिक्षकों को छुट्टी की जांच करने की आवश्यकता है. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसी भी स्थिति में स्कूल में तैनात कुल शिक्षकों में से 10 प्रतिशत से अधिक एक समय में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान छुट्टी पर न जाएं."
राज्य में 12,761 कोचिंग संस्थान
शिक्षा विभाग द्वारा संकलित एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 12,761 रजिस्टर्ड निजी कोचिंग संस्थान हैं, इन केंद्रों में 9,95,533 छात्र नामांकित हैं. राज्य की राजधानी पटना में सबसे अधिक 1,017 केंद्र हैं, इन संस्थानों में 1,51,104 छात्र नामांकित हैं, इसके बाद बेगुसराय में 636 संस्थानों में 60,311 और गया में 623 केंद्रों में 44,975 छात्र नामांकित हैं. जहानाबाद जिले में रजिस्टर्ड कोचिंग संस्थानों की संख्या सबसे कम 40 है, इन केंद्रों में केवल 6,115 छात्र नामांकित हैं. पीटीआई के बार-बार प्रयास के बावजूद, शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.
डीएम करेंगे स्कूल का निरीक्षण
बिहार शिक्षा विभाग अपने अधिकारियों में कर्मठता बढ़ाने के लिए कई कड़े कदम उठाएं हैं. इनमें डीएम को सप्ताह में कम से कम दो बार सभी स्कूलों का निरीक्षण सुनिश्चित करने और अनुपस्थित शिक्षकों का एक दिन का वेतन तुरंत काटने का निर्देश शामिल है. पिछले साल एक जुलाई से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी शुरू हो गई है.