Bihar Board Class 10 Matric Result 2017: पीछे नहीं, ये है आगे सोचने का वक्त
Bihar Matric Result 2017: रिजल्ट को लेकर बहुत से विद्यार्थी बेहद तनाव में रहते हैं. कई बार नाकामी या कम स्कोर करने के चलते बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं. जबकि करियर के इस अहम पड़ाव पर बेहद संयम के साथ काम लेना चाहिए. इस समय स्टूडेंट्स के माता-पिता की भूमिका बेहद अहम होती है. ऐसी स्थिति में उन्हें स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ाया जाना चाहिए. वैसे इस बार बताया जा रहा है कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट पिछले साल की अपेक्षा बेहतर रहेगा. Bihar Board Matric में छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिलेंगे. ग्रेस मार्क्स पर बिहार बोर्ड के फैसले के अनुसार छात्रों को 8 फीसदी अंक तक ग्रेस मिलेगा. वहीं डिविजन में कुछ अंक से छूटने पर छात्रों को 5 अंक या कम का लाभ दिया जाना है. इससे विद्यार्थियों के कुल पास प्रतिशत में इजाफा होना तय है. यहां हम बताते हैं कि कैसे इन तनाव की स्थिति से निपटा जा सकता है.
1. ये सिर्फ अभी शुरुआत है: - अभी सिर्फ करियर की शुरुआत है. बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करेंगे. सात-आठ साल बाद यह कोई नहीं देखेगा कि आपके 10वीं बोर्ड परीक्षा में कितने मार्क्स आए थे, बल्कि देखा ये जाएगा कि आपने इसके बाद क्या किया है? आपके हाथ में कितना हुनर है? आपको अपने प्रोफेशन का कितना ज्ञान है.
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3. अपने पसंदीदा काम करें: मूवी देंखें, अपना पसंदीदा स्पोर्टस खेल सकते हैं. कहीं घूमने जा सकते हैं. खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी रखें. ऐसी चीजें करें जिससे आपका मूड रिफ्रेश हो जाएं. इसकी जरूरत भी है क्योंकि अब आपको कॉलेज एडमिशन व काउंसलिंग की ओर रुख करना है.
4. तुलना न करें: पेरेंट्स परीक्षा में खराब परफॉर्म करने पर अपने बच्चे की तुलना आसपास के बच्चों से न करें. परीक्षा में अच्छा करने वाले बच्चों की मिसाल देकर अपने बच्चे को और हतोत्साहित और निराश करना गलत है. उसे नीचा न दिखाएं. इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास का स्तर और घटेगा. ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनका करियर का फैसला नहीं कर सकती. भविष्य की ओर देखें, बीते हुए की ओर नहीं.
5. थोड़ी राहत दें: बोर्ड परीक्षा के बाद रिजल्ट तक बच्चे काफी प्रेशर में रहते हैं. उन पर काफी दबाव रहता है. अब अगर बच्चा परीक्षा में अच्छा नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं पेरेंट्स उसपर अनावश्यक दबाव बनाएं और उसे और मायूस कर दे. उसे आजादी दें. उसके साथ अच्छा व्यवहार करें. उसे डराएं नहीं. पॉजिटिव सोचें. अवसरों की कमी नहीं है.
6. मेडिटेशन: अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा भी ले सकते हैं.
1. ये सिर्फ अभी शुरुआत है: - अभी सिर्फ करियर की शुरुआत है. बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करेंगे. सात-आठ साल बाद यह कोई नहीं देखेगा कि आपके 10वीं बोर्ड परीक्षा में कितने मार्क्स आए थे, बल्कि देखा ये जाएगा कि आपने इसके बाद क्या किया है? आपके हाथ में कितना हुनर है? आपको अपने प्रोफेशन का कितना ज्ञान है.
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2. ज्यादा न सोचें: नतीजों, अपनी परफॉर्मेंस पर ज्यादा न सोचें. आगे का सोचें. प्लान करें. पास होने की खुशी बनाएं. दिन को इंज्वॉय करें. अब आप हायर एजुकेशन में प्रवेश करेंगे. डर को अपने दिल से निकाल दें.3. अपने पसंदीदा काम करें: मूवी देंखें, अपना पसंदीदा स्पोर्टस खेल सकते हैं. कहीं घूमने जा सकते हैं. खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी रखें. ऐसी चीजें करें जिससे आपका मूड रिफ्रेश हो जाएं. इसकी जरूरत भी है क्योंकि अब आपको कॉलेज एडमिशन व काउंसलिंग की ओर रुख करना है.
Bihar Board BSEB Class 10 Matric Result 2017: खराब रिजल्ट से परेशान होने की ज्यादा जरूरत नहीं
4. तुलना न करें: पेरेंट्स परीक्षा में खराब परफॉर्म करने पर अपने बच्चे की तुलना आसपास के बच्चों से न करें. परीक्षा में अच्छा करने वाले बच्चों की मिसाल देकर अपने बच्चे को और हतोत्साहित और निराश करना गलत है. उसे नीचा न दिखाएं. इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास का स्तर और घटेगा. ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनका करियर का फैसला नहीं कर सकती. भविष्य की ओर देखें, बीते हुए की ओर नहीं.
5. थोड़ी राहत दें: बोर्ड परीक्षा के बाद रिजल्ट तक बच्चे काफी प्रेशर में रहते हैं. उन पर काफी दबाव रहता है. अब अगर बच्चा परीक्षा में अच्छा नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं पेरेंट्स उसपर अनावश्यक दबाव बनाएं और उसे और मायूस कर दे. उसे आजादी दें. उसके साथ अच्छा व्यवहार करें. उसे डराएं नहीं. पॉजिटिव सोचें. अवसरों की कमी नहीं है.
6. मेडिटेशन: अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा भी ले सकते हैं.
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